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मप्र : पंचायत में न जाने पर जुर्माना और हुक्का-पानी बंद

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बैतूल। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के हर्रावाड़ी गांव में शराबखोरी बंद करने के लिए आयोजित बैठक में न पहुंचने पर एक आदिवासी परिवार को बहिष्कृत कर उसका हुक्का-पानी बंद कर दिया गया है, साथ ही 5051 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। जिले के चिचोली विकास खंड के हर्रावाड़ी निवासी रामदास (35) पिता श्यामू उइके ने परिवार के सदस्यों और ग्रामीणों के साथ मंगलवार को जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में जनसुनवाई अधिकारी के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज कराई है।

शिकायत में बताया गया है कि ग्राम में प्रति मंगलवार शराबखोरी बंद करने के लिए पंचायत भवन में बैठक होती है। वह गरीब है इसलिए मेहनत मजदूरी के लिए जाने के कारण इस बैठक में हिस्सा नहीं ले पाया। इस पर उसे समाज और गांव से बहिकृष्त करते हुए पांच हजार 51 रुपये दंड लगा दिया गया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि यदि गांव में रहना है तो दंड देना होगा।

उप जिलाधिकारी (डिप्टी कलेक्टर) डीएल वाडिया को सौंपे आवेदन में रामदास ने बताया कि ग्राम के कुछ लोगों ने उन्हें गांव और समाज से बहिष्कृत कर दिया है। उन्हें न तो हैण्डपंप पर पानी भरने दिया जा रहा है और न ही बच्चों को स्कूल जाने दिया जा रहा है। रामदास एवं उसकी पत्नी सुशीला बाई ने बताया कि गांव में कोई भी उनसे बात करना तो दूर देखना भी पसंद नहीं करता। दंड का फैसला करने वालों ने सभी गांव वालों को कह दिया है कि जो भी इस परिवार से बातचीत करेगा उसे भी गांव और समाज से बहिष्कृत करते हुए हुक्का-पानी बंद कर दिया जाएगा। इस डर से कोई भी ग्रामीण बातचीत नहीं कर रहा है।

शिकायत करने पहुंचे परिवार के साथी ग्रामीण प्रेमसिंह ने बताया कि रामदास उसका बचपन का दोस्त है। उसे गांव से बहिष्कृत करने के बावजूद वह उसी के साथ रह रहा था और बात कर रहा था। इसके चलते उस पर भी 501 रुपये दंड लगा दिया। प्रेमसिंह ने बताया कि उसने दंड के 300 रुपये जमा कर दिए हैं। 200 रुपये अभी और जमा करने हैं। इसी तरह गांव के कई और लोगों पर भी जुर्माना लगाया गया है।
कलेक्ट्रेट पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम हर्रावाड़ी में 10-15 महिला-पुरुषों द्वारा शराबखोरी बंद करने के नाम पर मनमानी करते हुए दादागीरी की जा रही है। उन्होंने बताया कि वह भी शराबखोरी बंद करने का समर्थन करते हैं लेकिन इस मुहिम की बैठक में न जाने पर उन्हें दंडित किया जाता है।

उप जिलाधिकारी वाडिया ने संवाददाताओं को बताया कि हर्रावाड़ी ग्राम में एक आदिवासी परिवार को बहिष्कृत करने और उनसे बात करने वालों पर दंड लगाने की शिकायत जनसुनवाई में आई है। मामला गंभीर है इसलिए पुलिस विभाग को जांच कर कार्रवाई करने के लिए लिखा गया है।

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प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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