मुख्य समाचार
अपराह्न् 3 बजे तक 51.11फीसदी मतदान
पटना| बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत शुक्रवार को नक्सल प्रभावित छह जिलों के 32 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान जारी है। मतदान के मद्देनजर सुरक्षा चाक-चौबंद है। सुबह सात बजे शुरू हुए मतदान को लेकर मतदाताओं में जबर्दस्त उत्साह देखा जा रहा है। दोपहर एक बजे तक 42 फीसदी से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर चुके थे। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, सुबह सात बजे शुरू हुए मतदान में अपराह्न् 3 बजे तक 51.11 फीसदी से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर चुके हैं। गया जिले में सर्वाधिक 45 फीसदी से ज्यादा मतदाता मतदान कर चुके हैं, जबकि औरंगाबाद में मतदान प्रतिशत सबसे कम 47.94 फीसदी है।
चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ मतदान केंद्रों पर शुरुआती घंटों में इलेक्ट्रनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) खराब होने की सूचना मिली थी, जिन्हें बाद में दुरुस्त कर दिया गया। अब तक कहीं से किसी तरह की अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। कुछ मतदान केद्रों पर चुनाव बहिष्कार की सूचना मिली है। बिहार चुनाव के दूसरे चरण के मतदान में कैमूर, रोहतास, अरवल, जहानाबाद, औरंगाबाद और गया जिले के मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। दूसरे चरण में 86.13 लाख मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करना है, जिनके लिए 9,119 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। पहले चरण में 32 महिला सहित 456 उम्मीदवार मैदान में हैं।
दूसरे चरण में अधिकांश सीटें नक्सल प्रभावित हैं। इस चरण में जिन छह जिलों के 32 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होना है, उनमें 23 विधानसभा क्षेत्रों को नक्सल प्रभावित घोषित किया गया है। सामान्य विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक मतदान कर सकेंगे। वहीं, नक्सल प्रभावित 11 सीटों पर मतदान अपराह्न् तीन बजे तक और 12 सीटों पर शाम चार बजे तक होना है। सभी मतदान केंद्रों पर केन्द्रीय सुरक्षा बल के जवानों की तैनाती की गई है। मतदान के लिए संबंधित जिलों में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा कर दी गई है। शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान के लिए राज्य एवं केन्द्रीय सुरक्षा बलों की कुल 993 कंपनियां तैनात की गई हैं और पांच हेलीकॉप्टर भी तैनात किए गए हैं। नक्सल प्रभावित इलाकों में ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है। मतदान सुचारू रूप से संपन्न हो, इसके लिए 44,216 मतदान कर्मियों को लगाया गया है।
इस चरण में कई हाई प्रोफाइल सीटें हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी, विधानसभा अध्यक्ष और जनता दल (युनाइटेड) के नेता उदय नारायण चौधरी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता प्रेम सिंह, रामेश्वर चौरसिया, पूर्व मंत्री रामधनी सिंह, इलियास हुसैन तथा मांझी के बेटे संतोष कुमार का राजनीतिक भविष्य इस चरण के मतदाताओं के हाथ में है।
इस चरण में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से भाजपा के 16, हम के सात, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के छह, लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के तीन उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि महागठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जद (यू) के 13-13 उम्मीदवार और कांग्रेस के छह उम्मीदवार मैदान में हैं। इस चुनाव में कांग्रेस, राजद और जद (यू) महागठबंधन के तहत चुनाव मैदान में हैं। वहीं भाजपा नेतृत्व वाले राजग में लोजपा, रालोसपा और हम हैं। वामपंथी दल एक अलग मोर्चा बनाकर चुनावी समर में हैं, जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) के नेतृत्व में छह दलों का तीसरा मोर्चा भी चुनाव मैदान में है। बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों के लिए 12 अक्टूबर से पांच नवंबर के बीच पांच चरणों में मतदान होना है। पहले चरण के तहत सोमवार को 49 सीटों पर मतदान हुआ था। सभी सीटों के लिए मतगणना आठ नवंबर को होगी।
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स्वच्छ घाट प्रतियोगिता 2.0: छठ महापर्व पर घाटों की स्वच्छता और सौंदर्यीकरण के लिए योगी सरकार ने बढ़ाए कदम
लखनऊ| छठ महापर्व के अवसर पर योगी सरकार प्रदेश में स्वच्छ घाट प्रतियोगिता 2.0 का आयोजन कर रही है। 8 नवम्बर, 2024 तक आयोजित इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य घाटों पर स्वच्छता, सौंदर्यीकरण, और प्लास्टिक मुक्त परिवेश सुनिश्चित करना है। विभिन्न निकायों के बीच इस प्रतियोगिता को बढ़ावा देने के लिए अनेक गतिविधियों का भी आयोजन किया गया है।
स्वच्छता के प्रति नागरिकों में जागरूकता लाने का प्रयास
प्रतियोगिता के अंतर्गत घाटों पर साफ-सफाई बनाए रखने हेतु अर्पण कलश स्थापित किए गए हैं, जिससे लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके। इसके साथ ही, घाटों को नो प्लास्टिक जोन घोषित किया गया है ताकि प्लास्टिक और थर्माकोल के उपयोग को प्रतिबंधित किया जा सके।
सुविधाएं और रखरखाव पर विशेष ध्यान
प्रतियोगिता के दौरान घाटों पर शौचालयों और स्नान घरों की स्थापना की जा रही है। इन सुविधाओं का नियमित रखरखाव भी सुनिश्चित किया जा रहा है। स्वच्छ सारथी क्लब, स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, एनजीओ और अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं की भागीदारी से इन सुविधाओं को सुदृढ़ बनाया जा रहा है।
नवाचार और सौंदर्यीकरण
घाटों का सौंदर्यीकरण और पूर्ण रूप से बदलाव लाने के लिए नवाचार गतिविधियों का आयोजन किया गया है। कूड़े के उचित निपटान हेतु डस्टबिन की व्यवस्था की गई है ताकि घाट क्षेत्र हमेशा साफ-सुथरा बना रहे। साथ ही, घाटों की स्वच्छता में अधिकतम नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है।
सामाजिक संगठनों की भूमिका
इस स्वच्छता अभियान में एनजीओ, सीएसओ और अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग प्राप्त हो रहा है। इन संगठनों द्वारा घाटों पर सफाई अभियान चलाया जा रहा है और लोगों को स्वच्छता का महत्व समझाया जा रहा है।
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