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नेशनल

भारत, मालदीव में कानूनी सहायता संधि को मंजूरी

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की एक बैठक में भारत और मालदीव के बीच आपसी कानूनी सहायता संधि को मंजूरी दे दी गई। इस संबंध में जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस संधि का उद्देश्य दोनों देशों में अपराधों की प्रभावी जांच और उसके खिलाफ प्रभावी कानूनी कार्रवाई को बढ़ावा देना है।

बयान में कहा गया है, “अंतर्राष्ट्रीय अपराध तथा आतंकवाद से इसके तार जुड़े होने को देखते हुए यह संधि मालदीव के साथ अपराध की जांच और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई में द्विपक्षीय सहयोग के अवसर मुहैया कराएगी।”

भारत-मिस्र में समुद्री परिवहन पर करार

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और मिस्र के बीच समुद्री परिवहन से संबंधित एक करार पर भी हस्ताक्षर किए जाने को मंजूरी दे दी। जहाजरानी के क्षेत्र में दोनों देशों के आपसी सहयोग से मिलने वाले लाभ और महत्व को देखते हुए इस समझौते पर हस्ताक्षर करने का फैसला किया गया। समझौते के जरिए दोनों देशों के बीच मर्चेट शिपिंग और अन्य समुद्र संबंधी मामलों में सलाह ली जा सकेगी। साथ ही इस क्षेत्र में आपसी सहयोग को और मजबूत बनाया जाएगा। पारस्परिक सुविधाजनक तिथि और स्थान के हिसाब से समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इस समझौते से समुद्री संबंध के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग बढ़ेगा और रिश्ते मजबूत होंगे। इससे समुद्री यातायात को और बेहतर बनाया जा सकेगा, प्रशिक्षण के लिए विभिन्न समुद्री प्रतिष्ठानों से छात्रों और स्टाफ का आदान-प्रदान किया जा सकेगा।
इसके साथ ही समुद्र और बंदरगाहों पर वाणिज्यिक माल के प्रवाह को सुविधाजनक बनाया जा सकेगा, समुद्री परिवहन, जहाज निर्माण और मरम्मत, समुद्री प्रशिक्षण, सिमुलेटर्स के विकास समेत सूचना प्रौद्योगिकी, बंदरगाहों के विकास और अन्य समुद्री गतिविधियां आदि के क्षेत्र में संयुक्त उपक्रमों की स्थापना की जा सकेगी।

आध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां

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नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है।  मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।

मां को प्रिय है ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।

यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा

मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।

माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं

जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।

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