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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत ने फिलिस्तीन राष्ट्र की स्थापना के प्रति समर्थन दोहराया

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संयुक्त राष्ट्र | भारत ने कहा है कि वह इजरायल और फिलिस्तीन के लंबे समय से चले आ रहे विवाद को निपटाने के लिए दो अलग-अलग स्वतंत्र राष्ट्रों की स्थापना का समर्थन करता है। सुरक्षा परिषद में गुरुवार को भारत के प्रतिनिधि कमलेश पासवान ने यह कहने के साथ फिलिस्तीन के प्रति भारत के मजबूत समर्थन को फिर से दोहराया।

मध्य पूर्व के मसले के हल से संबंधित परिषद की एक चर्चा में पासवान ने कहा, “भारत बातचीत से होने वाले एक ऐसे समाधान के पक्ष में है जो सार्वभौम, आजाद, सक्षम और मजबूत फिलिस्तीन राष्ट्र की शक्ल में सामने आए। एक ऐसा देश जिसकी राजधानी पूर्वी जेरूसलम हो और जो इजरायल की सीमा के साथ लगी अपनी सुरक्षित और मान्य सीमा के अंदर शांतिपूर्ण तरीके से रह सके।”

उन्होंने कहा, “आज यह चर्चा एक अन्य ऐसे बेवक्त मौके पर हो रही है जब हिंसा की घटनाएं और उसका सैन्य जवाब दोनों पक्षों के तरफ के लोगों की जान ले रहा है। हम स्थिति को काबू में करने की कोशिशों का स्वागत करते हैं। दोनों पक्षों से आग्रह करते हैं कि तनाव को घटाने के लिए संयम बरतें और ऐसा माहौल बनाएं जिसमें शांति वार्ता फिर से शुरू हो सके।”पासवान पूर्वी उत्तर प्रदेश के बांसगांव लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद हैं। पासवान सत्ता पक्ष-विपक्ष के उन पांच सांसदों में हैं जो संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं।

चर्चा के दौरान पासवान ने इजरायल का नाम केवल एक बार लिया जब उन्होंने इजरायल की सीमा के साथ फिलिस्तीन के अस्तित्व में आने की बात कही थी। चर्चा में इजरायल और फिलिस्तीन के बीच की तीखी नोक-झोंक से वह अलग रहे।पासवान ने हाल में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की फिलिस्तीन यात्रा का जिक्र किया। लेकिन, इजरायल में मुखर्जी के स्वागत का जिक्र नहीं किया।

उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति मुखर्जी की यात्रा फिलिस्तीनी ध्येय के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराती है। यह एक आजाद और सार्वभौम फिलिस्तीनी राष्ट्र की स्थापना के लिए किए जा रहे प्रयासों को हमारे राजनयिक और राजनैतिक समर्थन को भी दिखाती है।” पासवान ने यमन की बिगड़ती हिंसा पर चिंता जताई और कहा कि उम्मीद है कि यहां संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता का सकारात्मक नतीजा निकलेगा।उन्होंने सीरिया मसले के शांतिपूर्ण राजनैतिक समाधान की बात की।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

लाहौर में प्रदूषण ने तोड़े सारे रिकार्ड, 1900 तक पहुंचा AQI, स्कूल बंद

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नई दिल्ली। पड़ोसी देश पाकिस्तान में प्रदूषण ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। पाकिस्तान के लाहौर शहर का AQI 1900 पहुंच गया है जो शहर में अब तक का सबसे ज्यादा एक्यूआई है। प्रांतीय सरकार और स्विस समूह IQAir द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को पाकिस्तान-भारत सीमा के पास अब तक का सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया। इसी के साथ लाहौर रविवार को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की रियल टाइम सूची में पहले नंबर पर पहुंच गया।

बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए लाहौर में आपातकाल जैसा माहौल है। वायु की खतरनाक गुणवत्ता को देखते हुए लाहौर प्रशासन ने वर्क फ्रॉम होम करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही विभिन्न शहरों में प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने की घोषणा की गई है। वहीं पंजाब की वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा है कि, सरकार ने माता-पिता को यह सुनिश्चित करने की सलाह देते हुए प्राथमिक विद्यालयों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया है कि बच्चे मास्क पहनें, क्योंकि शहर में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है। उन्होंने कहा कि वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए 50 प्रतिशत कार्यालय कर्मचारी घर से काम करेंगे।

मरियम औरंगजेब ने आगे कहा है कि पिछले एक सप्ताह से भारत से हवा की दिशा लाहौर की ओर हो गई है और इस वजह से धुंध बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की हवाएं अमृतसर और चंडीगढ़ से आ रही हैं और इस वजह से लाहौर में AQI लगातार बिगड़ता जा रहा है।
मरियम ने कहा है कि अगर हालत और खराब हुए तो शहर में उद्योगों को बंद कर दिया जाएगा। यहां तक कि पराली जलाने वाले किसानों को गिरफ्तार किया जाएगा। कुछ इसी तरह की कार्रवाई भारत की हरियाणा और पंजाब सरकार भी कर रही है, जहां पराली जलाने को लेकर बड़ी संख्या में किसानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं।

 

 

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