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नेशनल

भारत-अफ्रीका संबंध दक्षिण-दक्षिण सहयोग का मूर्त रूप : जुमा

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नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा ने गुरुवार को भारत और अफ्रीकी देशों के बीच के संबंधों को दक्षिण-दक्षिण सहयोग (आईएएफएस) का एक मूर्त रूप बताया। जुमा ने यहां तीसरे भारत-अफ्रीका मंच शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उपनिवेशवाद और नस्लवाद उन्मूलन में भारत की भूमिका दक्षिण-दक्षिण सहयोग का एक मूर्त रूप रही है।

उन्होंने अफ्रीका के विकास में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी की भूमिकाओं को याद किया। जुमा ने कहा, “हम आपके दूरदर्शी पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और उनकी बेटी इंदिरा गांधी की भूमिकाओं को याद करते हैं।” उन्होंने कहा कि दक्षिण-दक्षिण सहयोग के हिस्से के रूप में भारत और अफ्रीका गरीबी उन्मूलन और आर्थिक हाशिए के खिलाफ लड़ाई लड़ने में एक अहम भूमिका निभा रहे हैं।

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति ने कहा कि हम व्यावसायिक प्रशिक्षण और लघु उद्योगों सहित अन्य क्षेत्रों में भारत का अनुभव साझा करने के इच्छुक हैं। इससे पूर्व, सुबह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईएएफएस 2015 के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। मोदी ने अपने भाषण में संयुक्त राष्ट्र परिषद में सुधार लाने के लिए भारत और अफ्रीका के मिलकर काम करने की बात कही। उन्होंने अफ्रीका को 10 अरब डॉलर का रियायती ऋण देने का भी वादा किया।

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आध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां

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नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है।  मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।

मां को प्रिय है ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।

यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा

मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।

माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं

जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।

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