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खेल-कूद

हवाओं का रुख भांपने में उस्ताद है 14 साल गोरखा

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नेपाल के पर्यटन स्थल पोखरा, योकेश गुरू, पैराग्लाइडिंग की नैसर्गिक प्रतिभा

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जयंत के. सिंह

बिलिंग (हिमाचल प्रदेश)| नेपाल के पर्यटन स्थल पोखरा से आए योकेश गुरूमें पैराग्लाइडिंग की नैसर्गिक प्रतिभा है। महज 14 साल की उम्र में युकेश गुरू यहां जारी विश्व कप के प्रतिस्पर्धी टास्क से पहले हवाओं का रुख भांपता है और यह जानने की कोशिश करता है कि हालात उड़ान के लायक हैं या नहीं। पैरास्पोर्ट्स की सर्वोच्च वैश्विक संस्था-एफएआई ने इस जिम्मेदारी भरे और साथ ही चुनौतीपूर्ण काम के लिए गुरू का चयन किया है। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित बीर, बिलिंग में विश्व कप आधिकारिक तौर पर 24 अक्टूबर को शुरू हुआ लेकिन गुरू हवाओं का रुख भांपने के लिए 19 अक्टूबर को ही यहां पहुंच चुका था।

गुरू ने एक भी दिन अपना काम अधूरा नहीं छोड़ा और बहुत सटीकता से हवाओं का रुख जानकर आयोजन समिति को इसकी जानकारी दी। विश्व कप के मीट निदेशक देबू चौधरी गुरू के काम से बेहद प्रभावित हैं। चौधरी ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा, “गुरू बहुत प्रतिभाशी है। गोरखा होने के कारण वह जोखिम पसंद करता है। हमने विंड डमी का काम उसे सौंपा और उसने इसे अब तक बखूबी निभाया है। एफएआई ने उसके नाम की सिफारिश थी, जिसे हमने मान लिया। हम उसके काम से बहुत खुश हैं।”

गुरू ने बताया कि उसने पांच साल की उम्र से ग्लाइडंग शुरू कर दी थी। फिर वह पेशेवर ट्रेनिंग के लिए बंदीपुर (नेपाल) गया। बांदीपुर में पोखरा से ऊंचे पहाड़ हैं और ग्लाइडिंग का अच्छा माहौल है जबकि पोखरा एक्रोबेटिक पैराग्लाइडिंग के लिए जाना जाता है। गुरू ने कहा, “हम कुछ लड़के बांदीपुर कोर्स करने गए। फिर पोखरा आ गए और फिर यहां आए। हम यहां फन के लिए आए थे लेकिन एफएआई ने हमें विंड डमी (हवा का रुख जानने की प्रक्रिया) के लिए कहा। मैं यह काम पांच साल की उम्र से कर रहा हूं। मेरे लिए यह काम बहुत आसान है। मैं ही सिर्फ विंड डमी नहीं करता, और भी लोग हैं जो यह काम करते हैं। हमें हर दिशा में जाकर हवा का रुख जानना होता है।”

पोखरा में ग्लाइडिंग स्कूल चलाने वाले भुपाल सिंह गुरू का एकमात्र पुत्र गुरू ग्राउंड हैंडलिंग में उस्ताद है। कम उम्र का होने के कारण गुरू बीर और बिलिंग में चर्चा का विषय है। आमतौर पर किसी 14 साल के पायलट को विंड डमी का काम नहीं सौंपा जाता है लेकिन एफएआई ने गुरू की काबिलियत पर भरोसा करते हुए उसे यह काम सौंपा है।

गुरू ने बिलिंग से 27 अक्टूबर को प्रतिस्पर्धा के पहले दिन उड़ान भरी और लगभग 70 किलोमीटर की यात्रा करके लैडिंग साइट पर लौटा। बिलिंग पैराग्लाइडिंग संघ के संस्थापक सदस्य और विश्व कप-2015 के तकनीकी प्रमुख सुरेश कुमार ने कहा, ” गुरू ने अब तक अपना काम अच्छे से किया है और उसके काम से खुश होकर एफएआई उसे मेक्सिको में होने वाले सुपर कप में विंड डमी के लिए आमंत्रित कर सकता है।” शर्मिले स्वाभाव के गुरू ने कहा, “मैं नेपाल और भारत के अलावा कहीं और नहीं गया। नेपाल में भी मैं पोखरा और बांदीपुर के अलावा कहीं और नहीं गया। अगर मुझे एफएआई मेक्सिको आने के लिए कहेगा तो यह मेरे जीवन की सबसे बड़ी घटना होगी। मैं आने वाले समय में पायलट बननता चाहता हूं और अपने देश का नाम रोशन करना चाहता हूं।”

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खेल-कूद

IND VS AUS: पर्थ में टूटा ऑस्ट्रेलिया का घमंड, भारत ने 295 रनों से दी मात

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पर्थ। भारतीय क्रिकेट टीम ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच में मेजबान ऑस्ट्रेलिया को धूल चटाते हुए नया कीर्तिमान रच दिया है। टीम इंडिया ने पर्थ में 16 साल बाद पहला टेस्ट मैच जीता है। इससे पहले भारत ने साल 2008 में कुंबले की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को हराया था। हालांकि यह मैच पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेला गया। पहली पारी में 150 रन बनाने वाली टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में सिर्फ 104 रनों पर ढेर कर दिया था। इसके बाद टीम इंडिया ने अपनी दूसरी पारी 487/6 रन के स्कोर पर घोषित करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 534 रनों का विशाल लक्ष्य रखा।

इस पहाड़ जैसे लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया की टीम दूसरी पारी में सिर्फ 238 रनों के स्कोर पर ढेर हो गई। इस तरह टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में 295 रनों से हराकर बड़ा इतिहास रच दिया। ध्यान देने वाली बात यह है कि टीम इंडिया में न तो रोहित शर्मा थे, न ही शुभमन गिल, न ही रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन और न ही मोहम्मद शमी थे। इसके बावजूद टीम इंडिया ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।

पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल ने 161 रन और विराट कोहली ने नाबाद शतकीय पारी खेली। दूसरी पारी में केेल राहुल ने भी 77 रनों की अहम पारी खेली। पहली पारी में टीम इंडिया 150 रनों पर सिमट गई थी पर भारतीय गेंदबाजों ने कमाल का कमबैक करते हुए पूरी ऑस्ट्रेलिया टीम को घुटनों पर ला दिया। ऑस्ट्रेलिया पहली पारी में 104 रन ही बना पाई। दूसरी पारी में टीम इंडिया ने कमाल का कमबैक करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 6 विकेट के नुकसान पर 487 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। जिससे ऑस्ट्रेलिया को 534 रनो का टारगेट मिला। लेकिन चौथे दिन भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 295 रनों से हरा दिया।

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