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रिलायंस कम्युनिकेशंस में सिस्तेमा श्याम के विलय को मंजूरी

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मुंबई। उद्योगपति अनिल धीरूभाई अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) ने सोमवार को सिस्तेमा श्याम टेलीसर्विसज के कंपनी में विलय की घोषणा की। कंपनी द्वारा जारी बयान के मुताबिक, “इस विलय के तहत सिस्तेमा श्याम टेलीसर्विसेज की रिलायंस कम्युनिकेशंस में 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी होगी। इसके अलावा, आरकॉम दूरसंचार विभाग को सिस्तेमा श्याम के स्पेक्ट्रम के लिए समयबद्ध तरीके से भुगतान करेगी, जिसके तहत अगले 10 वर्ष में 392 करोड़ रुपये की धनराशि का भुगतान किया जाएगा।”

दोनों कंपनियों के बीच इस सौदे को सोमवार को यहां मजूरी मिल गई, जिसमें एमटीएस ब्रांड का अधिग्रहण भी शामिल है। सिस्तेमा श्याम रूस की सिस्तेमा कंपनी की इकाई है, जो दुनियाभर में दूरसंचार, उच्च प्रौद्योगिकी, रडार और एयरोक्षेत्र, बैंकिंग, खुदरा, मीडिया, पर्यटन और स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश करती है। इस सौदे से रिलायंस के नेटवर्क में अतिरिक्त 90 लाख ग्राहक जुड़ेंगे और कंपनी की सालाना आमदनी लगभग 1,500 करोड़ रुपये हो जाएगी।

इस सौदे के बाद आरकॉम के आठ महत्वपूर्ण क्षेत्रों में 800 मेगाहर्टज और 850 मेगाहर्टज स्पेक्ट्रम की अवधि 2021 से बढ़कर 2033 तक हो जाएगी। इन आठ क्षेत्रों में दिल्ली, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, कोलकाता, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। आरकॉम के उपभोक्ता कारोबार के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी गुरदीप सिंह ने सोमवार को हुए इस विलय सौदे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “सिस्तेमा श्याम टेलीसर्विसेज के आरकॉम में विलय के इस सौदे से आपसी लाभ हेतु पूंजीगत खर्च (कैपेक्स) और परिचाल व्यय (ओपेक्स) बढ़ेगा।”

सिस्तेमा के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी मिखाइल शामोलिन ने कहा, “यह विलय एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। पिछले कई साल से विभिन्न चुनौतियों का सामने करने के बावजूद दो डेटा सेवा प्रदाताओं का एकजुट होना देश के दूरसंचार उद्योग के लिए विकास का संकेत है।” इस सौदे के तहत लेनदेन 2016 की दूसरी तिमाही तक पूरा हो सकता है। यह सौदा कॉर्पोरेट, विनियामक और अन्य जरूरी नियामकों की मंजूरी के अधीन है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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