प्रादेशिक
केरल के वित्तमंत्री बार रिश्वत कांड में फंसे
तिरुवनंतपुरम/दिल्ली| केरल के 81 वर्षीय वित्तमंत्री के.एम. मणि के खिलाफ गुरुवार को सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने यहां की विशेष सतर्कता अदालत में एक मामला दर्ज कराया है। मणि पर यह मामला केरल बार-होटल ओनर्स एसोसिएशन द्वारा बंद शराबखानों को दोबारा खोलने की अनुमति के बदले में एक करोड़ रुपये रिश्वत लेने के आरोप में दर्ज किया गया है।
उल्लेखनीय है कि व्हिसल ब्लोअर तथा केरल बार होटल मालिक संगठन के अध्यक्ष बीजू रमेश ने इसी साल अक्टूबर में एक टीवी चैनल के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए मणि पर आरोप लगाया था कि बंद 418 मयखानों को दोबारा खोलने के लिए उन्होंने एक करोड़ रुपये की रिश्वत ली है। वित्तमंत्री पर दर्ज मुकदमे के मद्देनजर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) की अगुवाई में विपक्ष ने उनसे इस्तीफा मांगा है।
मणि इस समय दिल्ली में हैं। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली के साथ एक बैठक में शामिल होने आए मणि ने संवाददाताओं से कहा कि इस्तीफा देने का कोई कारण नहीं बनता। मणि ने कहा, “कई ऐसे नेता हैं, जो इस तरह की जांच झेल रहे हैं। इन निराधार आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। जल्द ही सच्चाई सामने आ जाएगी।” वहीं बीजू रमेश ने कहा, “मुझे सतर्कता तथा ब्यूरो के शीर्ष अधिकारियों पर भरोसा है, सच्चाई सामने आ जाएगी।”
इस मामले में 81 वर्षीय मणि एकमात्र आरोपी हैं। मणि पर यह मामला उन आरोपों के सत्यापन के बाद दर्ज कराया गया है, जिसमें कहा गया था कि बार होटल ओनर्स एसोसिएशन ने उन्हें रिश्वत दी थी। नौ गवाहों ने इस बात के सबूत दिए हैं कि मणि ने घूस ली थी। मणि के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद विपक्ष ने मंत्री के इस्तीफे की मांग की। विपक्ष की इस मांग पर राज्य के गृहमंत्री रमेश चेन्निथला ने गुरुवार को पत्रकारों से कहा कि मणि के खिलाफ ब्यूरो ने सिर्फ मामला दर्ज किया है, इस दलील के आधार पर वित्तमंत्री को इस्तीफा देने के जरूरत नहीं है।
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार के प्रयासों से दिव्य, भव्य अयोध्या में फिर से लौटने लगा ‘राम राज्य’
अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के प्रयासों से दिव्य और भव्य अयोध्या में एक बार फिर से रामराज्य लौटने लगा है। इसे भवगान श्रीराम की विशेष कृपा ही कहेंगे कि अयोध्या में ऑनलाइन की जाने वाली शिकायतों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण ढंग से निस्तारण हो रहा है। हर शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जा रहा है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि मुख्यमंत्री कार्यालय से आई एक अक्टूबर की रिपोर्ट बता रही है, जिसमें जिले के 19 में से 18 थाने प्रदेश में पहली रैंक पर आए हैं। इसमें कोतवाली नगर टॉप पर है।
जनपद पुलिस ने आईजीआरएस यानि एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली पोर्टल पर ऑनलाइन आने वाली जन शिकायतों के समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में पहली रैंक प्राप्त की है। पिछले कई महीनों बाद यह मौका आया है, जब अयोध्या पुलिस को यह सफलता मिली है। एसएसपी ने बेहतर प्रदर्शन करने वाले थानेदारों को सराहते हुए फेहरिस्त में निचले पायदान पर मौजूद थाने को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया है। प्रदेश सरकार ने जनता की शिकायतों के निस्तारण के लिए आईजीआरएस पोर्टल की व्यवस्था तैयार की है। नियमानुसार, इस पोर्टल पर आने वाली ऑनलाइन शिकायत का 30 दिन के भीतर गुणवत्तापरक तरीके से निस्तारण करना होता है। समय समय पर इन शिकायतों से जुड़ा फीडबैक लखनऊ में बैठे आला अफसर लेते हैं। डिफाल्टर या असंतोष की स्थिति में शिकायतों को वापस लौटाया जाता है, ताकि उनका निस्तारण हो सके। जनपद में अक्टूबर माह में 19 थानों में तकरीबन 2700 शिकायतें आईजीआरएस पर हुई हैं। 100 फीसदी शिकायतों का निस्तारण हो चुका है।
नगर कोतवाली नंबर वन
एसपी ग्रामीण बलवंत चौधरी ने बताया कि आईजीआरएस के पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के निस्तारण के मामले में कोतवाली नगर ने बाजी मारी है। इसके बाद सर्वाधिक शिकायतों को हल कर दूसरे नम्बर पर स्थान बनाने वाला थाना इनायतनगर है। बताया जाता है कि पुलिस में आई सभी ऑनलाइन शिकायतों के निस्तारण के लिए एक दारोगा मौके पर अवश्य जाता है। वहां से जीपीएस की तस्वीरें आती हैं, जिससे पता चलता है मामले को निपटाने में पुलिस दिलचस्पी दिखाती है।
रैंक वार थाना – प्राप्त शिकायतें व निस्तारण
1- कोतवाली नगर- 354
2- इनायतनगर- 297
3- अयोध्या कोतवाली- 272
4- कोतवाली बीकापुर- 243
5- महराजगंज- 241
6- रौनाही- 227
7- रुदौली- 209
8- गोसाईगंज- 160
9- तारुन- 156
10- खंडासा- 140
11- हैदरगंज- 133
12- कैंट- 112
13- कुमारगंज- 89
14- रामजन्मभूमि- 85
15- पटरंगा- 66
16- बाबा बाजार- 61
17- मवई- 59
18- थाना महिला- 48
19- पूराकलंदर- 324
नोट- थाना पूराकलंदर ने ऑनलाइन शिकायत पत्र देखने में देरी लगाई। इस कारण उसकी रैंक बहुत गिर गई है।
क्या है आइजीआरएस
एसएसपी राजकरण नैयर ने बताया कि आईजीआरएस जनसुनवाई के लिये एक आनलाइन माध्यम है। इस माध्यम से किसी भी व्यक्ति को शिकायत करने के लिये कहीं चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है। पीड़ित व्यक्ति इसके पोर्टल पर आनलाइन शिकयत दर्ज कराता है। संबंधित विभाग उसकी जांच कराकर निस्तारण कराने का प्रयास करता है। इस माध्यम से दर्ज कराई गई शिकायत पर जवाबदेही भी रहती है। शिकायत की हर स्थित से शिकायतकर्ता को जानकारी भी मिलती है।
प्रत्येक माह होती है शासन स्तर पर समीक्षा
आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि जनसुनवाई के इस पोर्टल पर दर्ज कराई गई शिकायतों के निस्तारण की प्रत्येक माह शासन स्तर पर समीक्षा होती है। आईजीआरएस पर दर्ज कराई गई शिकायतों के निस्तारण का फीडबैक लेते हुए शासन के मानकों के हिसाब से पीड़ित संतुष्ट है या असंतुष्ट, इसकी समीक्षा करके रैंक जारी की जाती है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी अयोध्या के सभी थाने हमेशा अग्रणी रहें।
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