प्रादेशिक
जिला जेल को अब नहीं खरीदनी पड़ेगी सब्जियां
20 एकड़ ऊसर जमीन को बनाया जा रहा खेती योग्य
अगले सीजन में शुरू हो सकती है खेती
राकेश यादव
लखनऊ। राजधानी लखनऊ की जिला जेल अधिकारियों को अब बाहर से सब्जी नही खरीदनी पड़ेगी। कारागार के मुख्यालय के निर्देश पर जेल में ऊसर पड़ी करीब 20 एकड़ जमीन को खेती योग्य बनाया जा रहा है। करीब साढ़े तीन हजार बन्दियों की क्षमता वाली इस जेल में अभी तक खेती नही होने के कारण बन्दियों को बाहर से खरीदकर या फिर आस-पास के जेलों से मंगाकर सब्जी परोसी जाती थी। इन दिनों ऊसर जमीन को खेतिहर बनाने काम जोरसोर से चल रहा है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि अगले मौसम में जेल प्रशासन को इसी खेत से सब्जी मिलेगी।
प्रदेश की पूर्व बसपा सरकार की सीप्रोमो एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने राजधानी की जेलों को शहर से बाहर किये जाने का निर्णय लिया था। इस निर्णय के तहत मोहनलालगंज-गोसाईगंज मार्ग पर करीब दो सौ दो एकड़ जमीन पर जेलों निर्माण कराया गया। मिली जानकारी के मुताबिक पुरानी जिला जेल की क्षमता से करीब दो गुना से अधिक बन्दियों की क्षमता वाली नयी जिला जेल का निर्माण कराया गया। नवनिर्मित जिला जेल में किशोर सदन, महिला सदन, के अलावा 100 बेड वाला अस्पताल बनाया गया है। इसके साथ ही जेल के भीतर ही बिशालकाय हाई सिक्योरिटी बैरक भी बनवाई गयी है।
इन सभी निर्माणों के बावजूद जेल के पिछले हिस्से में करीब 20 एकड़ ऊसर जमीन को खाली छोड़ दिया गया है। इस जमीन पर मिट्टी एवं पत्थर के कई टीले बने हुये एवं इस ऊसर जमीन पर कई तालाब भी बने हुये थे। सूत्रों का कहना है कि बन्दियों को परोसी जानी वाली सब्जी की बाहरी से खरीद-फरोक्त होने की वजह से जेल प्रशासन को अतिरिक्त व्यय करना पड़ रहा था। जेल मे जमीन उपलब्ध होने के बावजूद उस पर खेती नही होने पाने से जेल प्रशासन चिंतित था। इसकी सूचना उसने कारागार मुख्यालय दी। कारागार मुख्यालय ने जेल प्रशासन के अधिकारियों की इस समस्या को गंभीरता से लिया। मुख्यालय ने जेल प्रशासन सब्जी खरीद पर आ रहे अतिरिक्त व्यय को कम करने के लिये जेल अधिकारियों से जेल के अन्दर पड़ी ऊसर भूमि को समतल कराकर खेती योग्य बनाये जाने का निर्देश दिया। इस निर्देश के बाद से जेल प्रशासन पिछले करीब एक माह से जेल के अन्दर खाली पड़ी करीब 20 एकड़ भूमि को समतल कराने में जुटा हुआ है। बताया गया है कि ऊसर भूमि पर लगे बडे़-बडे़ पतावर एवं पत्थरीले टीलों को ध्वस्त करने के लिये एवं जमीन को समतल करने के लिये जेसीवी एवं ट्रैक्टरों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
जमीन को समतल कर उपजाऊ बनाने की जिम्मेवारी जेल अधीक्षक शशिकांत मिश्रा ने जेलर डी.सी. मिश्रा को सौंपी है। जेलर डी.सी. मिश्रा ने बताया कि मुख्यालय के निर्देश पर पहले टुकड़ों में जेल का समतलीकरण कराया जायेगा। इसके बाद समतल हुये जमीन की जुताई कराई जायेगी। जुताई होने के बाद इस जमीन पर पानी भरवाया जायेगा। करीब एक सप्ताह के बाद इस जमीन पर पानी भरायी गयी जमीन की मिट्टी में जीप्सम मिलाकर उसे उपजाऊ बनाया जायेगा। श्री मिश्रा ने बताया कि जमीन को खेतीहर बनाने का काम युद्ध स्तर पर कराया जा रहा है। अगले मौसम में इस जमीन से सीजनल सब्जी मिलने की संभावना है। उनका कहना है कि इस भूमि के खेती योग्य बन जाने पर जेल प्रशासन को सब्जी से आ रहे अतिरिक्त व्यय से तो राहत मिलेगी ही साथ ही बन्दियों को इसमें काम करने के एवज में परिश्रमिक भी मिलेगा। उधर जेल अधीक्षक शशिकांत मिश्रा ने जेल के अन्दर खाली पड़ी जमीन को खेती योग्य बनाये जाने के लिये हो रहे कार्य की पुष्टि की है।
उत्तर प्रदेश
संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद
संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।
इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।
इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।
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