Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

सैलजा के जातीय पक्षपात के दावे पर राज्यसभा में हंगामा

Published

on

Loading

नई दिल्ली| राज्यसभा में बुधवार को कांग्रेस सदस्य कुमारी सैलजा के उस दावे पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तनातनी हुई, जिसमें उन्होंने कहा है कि गुजरात के एक मंदिर में उनके साथ जातीय आधार पर भेदभाव किया गया था। इस मुद्दे पर सत्तापक्ष और विपक्षी सदस्यों की तू तू, मै मै के कारण भोजनावकाश से पहले सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी।

राज्यसभा में सदन के नेता अरुण जेटली ने बुधवार सुबह संविधान पर चर्चा के दौरान सैलजा के उस दावे का जिक्र किया, जिसके मुताबिक गुजरात के एक मंदिर में उनसे उनकी जाति पूछी गई थी।

जेटली ने कहा कि सैलजा ने अपने दावे में जो कुछ भी कहा है, वह मंदिर की आगंतुक पुस्तिका में लिखी उनकी बातों से मेल नहीं खाता, जिसमें उन्होंने मंदिर की प्रशंसा की है।

इस पर सैलजा ने कहा कि उन्होंने अपनी टिप्पणी में स्पष्ट कर दिया है कि मुख्य मंदिर में ऐसा नहीं था, जहां उनसे उनकी जाति पूछी गई।

उन्होंने कहा, “मैंने इसे स्पष्ट कर दिया है कि यह मुख्य द्वारका मंदिर नहीं था। सदन के नेता को इस तरह की बे-अदबी नहीं दिखानी चाहिए। द्वारका मंदिर में पुजारी बहुत अच्छे थे।”

कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने भी सैलजा का समर्थन किया, जबकि सत्तापक्ष के सदस्यों ने गलत टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना की।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, “यह कृत्रिम भेदभाव है।”

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने सैलजा पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, “आपने सदन को गुमराह किया है। यदि आपने इसे गढ़ा है तो आपको माफी मांगनी चाहिए।”

दूसरी ओर प्रदर्शनकारी कांग्रेस सदस्य सभापति की आसंदी के करीब पहुंच गए, जिसके कारण उपसभापति पी.जे. कुरियन ने सदन की कार्यवाही थोड़ी देर के लिए स्थगित कर दी।

बाद में भी हंगामा जारी रहा, जिसे देखते हुए सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए और फिर अपराह्न् दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

गौरलतब है कि सैलजा ने बी.आर. अम्बेडकर की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में सोमवार को संविधान पर चर्चा के दौरान कहा था कि उन्हें गुजरात में द्वारका के एक मंदिर में जाने से रोक दिया गया था।

नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

Published

on

Loading

नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

Continue Reading

Trending