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साइंस

वैज्ञानिकों ने खोजीं अंतरिक्ष से आने वाली रहस्यमयी रेडियो तरंगें

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टोरंटो। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के एक समूह ने पहली बार सुदूर अंतरिक्ष से आने वाली बेहद ऊर्जावान रहस्यमयी तेज रेडियो तरंगों को विधिवत रिकॉर्ड किया। 650 घंटों से अधिक के अभिलेखीय डाटा का विश्लेषण करने के बाद वैज्ञानिकों को पहली बार अंतरिक्ष के बाहरी हिस्से से इन रहस्यमयी रेडियो तरंगों के पुख्ता सबूत मिले।

शोध से मिले तथ्यों से पता चलता है कि ये रहस्यमयी रेडियो तरंगें अंतरिक्ष के अत्यधिक चुंबकीय आवेश वाले क्षेत्र से उत्पन्न हुई हैं, जो संभवत: हाल ही में हुए सुपरनोवा (तारों में होने वाला सबसे बड़ा विस्फोट) या किसी सक्रिय नेबुला के कारण उत्पन्न हुआ। इन बेहद ऊर्जावान रेडियो तरंगों का करीब एक दशक पहले पता लगा और ये बेहद क्षणिक होती हैं।

अब तक वैज्ञानिक इस तरह की सिर्फ 16 रेडियो तरंगें रिकॉर्ड कर पाए हैं, हालांकि उनका मानना है कि अंतरिक्ष में प्रतिदिन हजारों रेडियो तरंगे उत्सर्जित होती रहती हैं। कनाडा की ब्रिटिश कोलंबिया युनिवर्सिटी के खगोलविज्ञानी कियोशी मासुई के अनुसार, “हम अब यह जान गए हैं कि इस विशेष विस्फोट से उत्पन्न हुई ऊर्जा बेहद सघन चुंबकीय क्षेत्र से होकर गुजरती है।”

मासुई और डरबन स्थित क्वाजुलू नटाल विश्वविद्यालय के जोनाथन सीवर्स द्वारा तैयार एक सॉफ्टवेयर के जरिए इन रेडियो तरंगों को रिकॉर्ड किया गया। सॉफ्टवेयर के जरिए कुल 40 टेराबाइट डाटा एकत्रित किया गया है, जिसका विश्लेषण अपने आप में एक चुनौती है। वैज्ञानिक के अनुसार, “इन विशाल आंकड़ों में से हमने कुछ अनोखे संकेतों का पता लगाया है जो अब तक ज्ञात रेडियो तरंगों के लक्षणों से मेल खाते हैं।”

इन संकेतों के अध्ययन से यह भी पता चलता है कि ये रेडियो तरंगें पृथ्वी तक पहुंचने से पहले दो भिन्न आयनीकृत गैस क्षेत्रों से गुजरी हैं। मासुई के अनुसार इन विशाल आंकड़ों के जरिए रेडियो तरंगों के बारे में अब तक ज्ञान जानकारी से कहीं अधिक मालुमात हासिल किए जा सकते हैं और इन रहस्यमयी अंतरिक्ष घटनाओं के बारे में अहम सुराग हासिल किया जा सकता है।

Success Story

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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