Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

कब खत्‍म होगी नकारात्‍मकता की राजनीति?

Published

on

संसद के दोनों सदनों, संसद के मौजूदा सत्र, जीएसटी समेत अन्य महत्वपूर्ण विधेयक, राज्यसभा में अपने बहुमत, नेशलन हैराल्‍ड मामले

Loading

संसद के दोनों सदनों में हद पार करती नकारात्‍मकता का कोई हल निकलता नहीं दिख रहा है। देश में प्रबल बहुमत वाली सरकार है, लेकिन इसे लेकर संशय कायम है कि संसद के मौजूदा सत्र में जीएसटी समेत अन्य महत्वपूर्ण विधेयक पारित होंगे या नहीं? राज्यसभा में अपने बहुमत के चलते कई विपक्षी दल ऐसा व्यवहार कर रहे हैं जैसे जनता ने शासन चलाने के अधिकार मोदी सरकार से छीनकर उन्हें सौंप दिए हैं। मोदी सरकार को अहंकारी बताने वाले कई विपक्षी दल यह प्रकट करते भी दिख रहे हैं कि मई 2014 में नासमझ जनता ने गलती कर दी थी और उसे ठीक करने की महती जिम्मेदारी उनके सिर पर आ गई है और वे उसी पूरी करके ही रहेंगे।

यह सही है कि अच्छे दिनों की आस अभी तक पूरी नहीं हुई और मोदी सरकार के कुछ फैसलों ने आलोचकों को यह कहने का मौका दिया कि वह विपक्ष को कोई अहमियत नहीं दे रही, लेकिन ऐसा कहते-कहते अब कई विपक्षी दल भी सत्तापक्ष को अहमियत देने को तैयार नहीं दिखते। कांग्रेस का रुख-रवैया तो ऐसा है मानो सत्तापक्ष की संवैधानिक जिम्मेदारी यह है कि वह हर काम उससे पूछकर करे नहीं तो हाथ पर हाथ रखकर बैठी रहे।

क्या यह अजीब नहीं कि कांग्रेस नेत्री सैलजा करीब 33 महीने अपने कथित अपमान के आंसू थामे रहीं? इन आंसुओं के चलते राज्यसभा के कई घंटे बर्बाद हुए। इसके बाद मंत्री वीके सिंह को सदन में बैठा देखकर बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्र को यह याद आ जाता है कि उन्होंने तो दलितों के बारे में एक बेजा टिप्पणी की थी। वकील होते हुए भी बसपा सांसद इस नतीजे पर पहुंचते हैं कि उन्हें राज्यसभा में दाखिल होने का अधिकार ही नहीं। वह उन्हें सदन से बाहर निकालने की जिद पकड़ लेते हैं और कई अन्य सांसद उनका साथ देते हैं। नकारात्‍मकता की हद देखिए कि राज्यसभा में कांग्रेसी सांसद प्रमोद तिवारी कहते हैं कि ‘डॉलर के मुकाबले रुपया 67 पर पहुंच गया है।

रही सही कसर नेशलन हैराल्‍ड मामले ने पूरी कर दी है। कांग्रेस को यह आरोप लगाने का मौका मिल गया कि यह भाजपा द्वारा राजनैतिक बदला लेने की साजिश है। पूरी तरह से अदालती कार्यवाही को राजनैतिक साजिश करार देना कहां की सहिष्‍णुता है? इसका मतलब तो यह है कि भारत की अदालतें सत्‍तारूढ़ राजनैतिक दलों की मनमर्जी पर चलती हैं। यह तो एक तरह से भारत की निष्‍पक्ष अदालतों का अपमान है। अच्‍छा हो भारत के राजनैतिक दल बेवजह का आपसी विरोध छोड़कर जनहित के मामलों पर सार्थक बहस करें जिससे संसद की सर्वोच्‍चता व निष्‍पक्षता पर सवालिय निशान न लगाया जा सके।

 

Continue Reading

मुख्य समाचार

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

Published

on

Loading

पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

Continue Reading

Trending