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प्रादेशिक

लोकायुक्त मामला : भाजपा ने मांगा अखिलेश का इस्तीफा

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लखनऊ| उत्तर प्रदेश में नए लोकायुक्त की नियुक्ति करने में नाकाम रही अखिलेश सरकार पर अब विपक्ष ने एक सुर में हल्ला बोल दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस मुद्दे को लेकर जहां अखिलेश से इस्तीफा देने की मांग की वहीं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने इस पूरे मामले में सरकार पर जान बूझकर देरी करने का आरोप मढ़ा। ज्ञात हो कि तय समय सीमा के भीतर उप्र सरकार की ओर से नये लोकायुक्त की नियुक्ति नही किये जाने के बाद देश की सर्वोच्च अदालत ने इलाहाबाद के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह को उप्र का नया लोकायुक्त नियुक्त कर दिया।

भाजपा की उप्र ईकाई ने लोकायुक्त की नियुक्ति के मुद्दे को लेकर सूबे की सरकार पर बड़ा हमला बोला है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने राज्यपाल से अखिलेश सरकार को बर्खास्त करने की मांग भी की।

वाजपेयी ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा लोकायुक्त के चयन को असाधारण नियुक्ति करार देते हुये कहा कि विधानसभा के नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष की कारगुजारी के कारण ही विधायिका का अपमान हुआ है।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भी सरकार पर इस मुद्दे को लेकर उदासीन होने का आरोप लगाया।

विधानसभा में विपक्ष के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि लोकायुक्त के मुद्दे पर सरकार की उदासीनता की वजह से देरी हुई। सर्वोच्च न्यायालय के बार-बार निर्देशों के बावजूद जानबूझकर विलंब की साजिश रची जा रही थी। मौर्य ने हालांकि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया।

इस बीच, कांग्रेस के नेता सत्यदेव त्रिपाठी ने इस मुद्दे पर कहा कि यह अखिलेश सरकार की नाकामी है। लोकायुक्त की नियुक्ति करने में इतनी देरी क्यों हुई। अब उम्मीद है कि नये लोकायुक्त निष्पक्ष होकर काम करेंगे।

गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय के कड़े रुख के बाद उप्र में लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर बुधवार को हुई पहले दौर की बैठक बेनतीजा रही थी।

इसके पहले मंगलवार को भी लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर शाम 5 बजे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, नेता विपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य व इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की बैठक हुई थी और ये देर रात 11 बजे तक चली थी लेकिन इसमें भी किसी एक नाम पर सहमति नही बन पायी थी।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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