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प्रादेशिक

मप्र : मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद दिखाई न देने की शिकायत

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श्योपुर| मध्य प्रदेश में बड़वानी जिले में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद 53 लोगों की आंखों की रोशनी जाने का मामला अभी लोग भूले भी नहीं थे कि श्योपुर जिले में इसी तरह का वाकया सुनने में आया है। कई लोगों ने मोतियाबिद ऑपरेशन के बाद दिखाई न देने की शिकायत की है। 27 नवंबर को श्योपुर जिला चिकित्सालय में लगे शिविर में 66 लोगों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन हुआ था और लैंस प्रत्यारोपित किए गए थे। ऑपरेशन के 45 दिन बाद यानी सोमवार को इन लोगों की आंखों के टांके काटे गए, जिसके बाद इनमें से चार लोगों ने बिल्कुल न दिखने की शिकायत की। वहीं कई अन्य लोगों ने धुंधला दिखने की बात कही।

जिला अस्पताल के मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी (सीएमएचओ) डा. प्रदीप मिश्रा ने मंगलवार को आईएएनएस को बताया कि चिकित्सालय में नेत्र विशेषज्ञ के अवकाश पर होने पर ग्वालियर के नेत्र रोग विशेषज्ञों ने मोतियाबिंद के ऑपरेशन किए थे। सोमवार को मरीजों की आंखों के टांके काटे गए। इसके बाद कुछ मरीजों ने पहले साफ दिखाई न देने की बात की, लेकिन बाद में सब ठीक होने की बात कही।

उन्होंने कहा कि टांके कटने के तीन से चार दिन बाद साफ दिखाई देने लगता है। इन मरीजों के मामले में भी ऐसा ही होगा। इसके बावजूद प्रशासन ने एहतियातन ग्वालियर से दो नेत्र रोग विशेषज्ञों को बुलाया है।

उल्लेखनीय है कि बड़वानी जिले में नवंबर में 86 लोगों के मोतियाबिंद के ऑपरेशन हुए थे, जिनमें से 53 की आंखों में संक्रमण होने की वजह से उनकी रोशनी चली गई थी।

उत्तर प्रदेश

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

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