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बिजनेस

सेंसेक्स, निफ्टी में 2 फीसदी गिरावट

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मुंबई| देश के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह करीब दो फीसदी गिरावट रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 1.92 फीसदी यानी 479.29 अंकों की गिरावट के साथ शुक्रवार को 24,455.04 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 2.15 फीसदी यानी 163.55 अंकों की गिरावट के साथ 7,437.80 पर बंद हुआ।

पिछले सप्ताह सेंसेक्स के 30 में से पांच शेयरों इंफोसिस (7.30 फीसदी), रिलायंस इंडस्ट्रीज (4.79 फीसदी), मारुति (1.37 फीसदी), एशियन पेंट्स (0.49 फीसदी) और आईटीसी (0.13 फीसदी) में तेजी रही।

सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे भारतीय स्टेट बैंक (11.58 फीसदी), भेल (11.19 फीसदी), गेल (9.92 फीसदी), एक्सिस बैंक (9.71 फीसदी) और अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन (9.69 फीसदी)।

गत सप्ताह मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी पांच फीसदी से अधिक गिरावट रही। मिडकैप 5.90 फीसदी या 648.53 अंकों की गिरावट के साथ 10,343.73 पर और स्मॉलकैप 7.46 फीसदी या 869.09 अंकों की गिरावट के साथ 10,782.88 पर बंद हुआ।

मंगलवार 12 जनवरी को जारी आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक देश की उपभोक्ता महंगाई दर दिसंबर 2015 में बढ़कर 5.61 फीसदी दर्ज की गई, जो नवंबर में 5.41 फीसदी थी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक, दिसंबर में उपभोक्ता महंगाई दर गांवों में 6.32 फीसदी रही, जबकि शहरों में 4.73 फीसदी रही।

मंगलवार को ही केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी एक अन्य आंकड़े के मुताबिक देश का औद्योगिक उत्पादन नवंबर 2015 में 3.19 फीसदी घट गया, जबकि अक्टूबर में इसमें 9.87 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई थी। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल-नवंबर अवधि में भी औद्योगिक उत्पादन विकास दर घटकर 3.9 फीसदी दर्ज की गई।

गुरुवार 14 जनवरी को केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक दालों और प्याज की कीमत ऊपरी स्तर पर बने रहने की वजह से दिसंबर महीने में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित महंगाई दर बढ़कर नकारात्मक 0.73 फीसदी दर्ज की गई, जो नवंबर में नकारात्मक 1.99 फीसदी थी। इस दौरान दलहन की थोक महंगाई दर 55.64 फीसदी, सब्जियों की 20.56 फीसदी और प्याज की 25.98 फीसदी रही। इस दौरान आलू हालांकि 34.99 फीसदी सस्ता हुआ।

बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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