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बिजनेस

अब डिजिटल बटुआ से करें खरीदारी

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लखनऊ। डिजिटल बैंकिंग की तरफ भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने एक और कदम बढ़ाया है। बैंक ने मोबाइल ई-वायलेट (बटुआ) ‘एसबीआई बडी’ लांच किया है। एसबीआई फ्रीडम व एसबीआई एनीव्हेयर के बाद आया यह नया एप एसबीआई व गैर एसबीआई दोनों तरह के उपभोक्ताओं के लिए है। इस एप का एकाउंट से कोई संबंध नहीं है, इसमें पैसा रखना है, जैसे अपने पर्स या बटुआ में रखा जाता है। ‘एसबीआई फ्रीडम व एनीव्हेयर दोनों एप सीधे एकाउंट से जुड़े हैं, इसमें लॉगिन करनी पड़ती है।

एसबीआई बडी मात्र एक पिन नंबर से खुल जाएगा। 13 भाषाओं में इस वायलेट को तैयार किया गया है। एसबीआई बडी से आप आसानंी से ऑनलाइन शापिंग कर सकते हैं। साथ ही ट्रैवल, होटलों की भी बुकिंग हो सकेगी।

एंड्रायड फोन है तो यह एप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। एसबीआई बड़ी के जरिये शापिंग के लिए मर्चेंट का एप डाउनलोड करना जरूरी नहीं होगा। मौजूदा ग्राहकों के अलावा नए ग्राहक भी इसका इस्तेमाल कर पाएंगे। इसके इस्तेमाल के लिए एसबीआई का ग्राहक होना जरूरी नहीं है।

इसे डाउनलोड करके किसी व्यक्ति के वायलेट में 1 रुपया ट्रांसफर करना है। जिसे ट्रांसफर किया जाएगा, उसे बैंक 25 रुपये बोनस देगा और जिसने ट्रांसफर किया उसे दस रुपये।

बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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