खेल-कूद
‘बैलन डी ऑर’ जीतने वाले पहले गोलकीपर बन पाएंगे नूएर?
नई दिल्ली| विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय खेल फुटबाल में हर वर्ष सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को दिए जाने वाले पुरस्कार ‘बैलन डी’ ऑर’ के लिए नामांकित अंतिम तीन खिलाड़ियों में जर्मनी के ओलिवर काह्न के बाद मैन्यूल नूएर पहले गोलकीपर हैं। वास्तव में देखा जाए तो फीफा द्वारा वर्ष के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को दिए जाने वाले प्लेयर ऑफ द ईयर अवार्ड के 2010 में फ्रांस के अवार्ड ‘बैलन डी’ ऑर’ में संयुक्त होने के बाद से नूएर इस अवार्ड के लिए नामांकित होने वाले पहले गोलकीपर हैं।
रोमांच से भरपूर इस खेल में अमूमन गोल करने वाले स्ट्राइकर ही सर्वाधिक सुर्खियां बटोरते रहे हैं और चुपचाप अपने गोलपोस्ट की रक्षा करने वाले गोलकीपरों पर बहुत कम लोगों का ध्यान जाता है। वर्ष 2002 में इतिहास रचते हुए पहली बार अवार्ड की दौड़ में अंतिम तीन में पहुंचने वाले गोलकीपर काह्न की ही तरह नूएर भी जर्मनी के अग्रणी क्लब बायर्न म्यूनिख के लिए ही खेलते हैं।
दूसरी ओर स्पेन के अग्रणी क्लब बार्सिलोना के लिए खेलने वाले अर्जेटीनी कप्तान लियोनेल मेसी लगातार पांचवीं बार और जर्मनी के ही एक अन्य क्लब रियल मेड्रिड के लिए खेलने वाले पुर्तगीज स्टार स्ट्राइकर क्रिस्टियानो रोनाल्डो लगातार चौथी बार अवार्ड की दौड़ में हैं।
वैसे तो अब तक इस पुरस्कार पर स्ट्राइकरों का ही दबदबा रहा है और अब तक किसी गोलकीपर को यह अवार्ड नहीं मिल सका है। और सच्चाई यह है कि अब तक इस अवार्ड की दौड़ में अंतिम तीन खिलाड़ियों में सिर्फ दो ही गोलकीपर काह्न और नूएर जगह बना सके हैं।
रोनाल्डो और मेसी के बीच वर्ष भर गोलों को लेकर कड़ी प्रतिस्पर्धा रही, हालांकि जहां रोनाल्डो इसी वर्ष ब्राजील में हुए फीफा विश्व कप में अपनी टीम पुर्तगाल को ग्रुप चरण से आगे नहीं ले जा सके, वहीं फाइनल तक का सफर तय करने के बावजूद मेसी की टीम अर्जेटीना नूएर की टीम जर्मनी के हाथों पिट गई।
मेसी ब्राजील विश्व कप में सर्वाधिक चार बार मैन ऑफ द मैच रहे, हालांकि गोल करने के मामले में वह कोलंबिया के युवा स्ट्राइकर जेम्स रॉड्रिगेज, जर्मनी के थॉमस म्यूलर और ब्राजील के नेमार के बाद चौथे स्थान पर रहे। मेसी को हालांकि उनके बहुमुखी प्रदर्शन के लिए विश्व कप के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के अवार्ड गोल्डन बॉल से नवाजा गया।
दूसरी ओर, नूएर के शानदार प्रदर्शन के बल पर जर्मनी विश्व चैम्पियन बनने में कामयाब रहा और नूएर को उनके नायाब प्रदर्शन के लिए गोल्डन ग्लव्स अवार्ड प्रदान किया गया।
दक्षिण कोरिया और जापान की संयुक्त मेजबानी में 2002 में हुए फीफा विश्व कप में फाइनल तक पहुंचने वाली जर्मनी के गोलकीपर काह्न टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर और सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुने गए थे। हालांकि तब भी बैलन डी’ ऑर अवार्ड विश्व कप के फाइनल में मैच के दोनों गोल कर ब्राजील को विश्व चैम्पियन बनाने वाले रोनाल्डो को मिला था।
विश्व चैम्पियन बनने के बाद नूएर ने शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए बुंदेसलीगा और डीएफबी क्लब पोकल में बायर्न म्यूनिख की जीत में भी अहम योगदान दिया।
अब देखना होगा कि अगले वर्ष के शुरुआत में घोषित होने वाला यह अवार्ड ला लीगा के इतिहास में सर्वाधिक गोल करने का कीतिर्मान बनाने वाले मेसी को रिकॉर्ड चौथी बार दिया जाता है, चैम्पियंस लीग के इतिहास में इसी वर्ष एक सत्र में सर्वाधिक गोल करने का कीर्तिमान बनाने वाले रोनाल्डो को दिया जाता है या अपनी टीम को विश्व चैम्पियन बनाने के बाद अपने क्लब को दो-दो खिताब जिताने वाले नूएर को देकर इतिहास कायम किया जाता है।
खेल-कूद
IND VS AUS: पर्थ में टूटा ऑस्ट्रेलिया का घमंड, भारत ने 295 रनों से दी मात
पर्थ। भारतीय क्रिकेट टीम ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच में मेजबान ऑस्ट्रेलिया को धूल चटाते हुए नया कीर्तिमान रच दिया है। टीम इंडिया ने पर्थ में 16 साल बाद पहला टेस्ट मैच जीता है। इससे पहले भारत ने साल 2008 में कुंबले की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को हराया था। हालांकि यह मैच पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेला गया। पहली पारी में 150 रन बनाने वाली टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में सिर्फ 104 रनों पर ढेर कर दिया था। इसके बाद टीम इंडिया ने अपनी दूसरी पारी 487/6 रन के स्कोर पर घोषित करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 534 रनों का विशाल लक्ष्य रखा।
इस पहाड़ जैसे लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया की टीम दूसरी पारी में सिर्फ 238 रनों के स्कोर पर ढेर हो गई। इस तरह टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में 295 रनों से हराकर बड़ा इतिहास रच दिया। ध्यान देने वाली बात यह है कि टीम इंडिया में न तो रोहित शर्मा थे, न ही शुभमन गिल, न ही रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन और न ही मोहम्मद शमी थे। इसके बावजूद टीम इंडिया ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल ने 161 रन और विराट कोहली ने नाबाद शतकीय पारी खेली। दूसरी पारी में केेल राहुल ने भी 77 रनों की अहम पारी खेली। पहली पारी में टीम इंडिया 150 रनों पर सिमट गई थी पर भारतीय गेंदबाजों ने कमाल का कमबैक करते हुए पूरी ऑस्ट्रेलिया टीम को घुटनों पर ला दिया। ऑस्ट्रेलिया पहली पारी में 104 रन ही बना पाई। दूसरी पारी में टीम इंडिया ने कमाल का कमबैक करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 6 विकेट के नुकसान पर 487 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। जिससे ऑस्ट्रेलिया को 534 रनो का टारगेट मिला। लेकिन चौथे दिन भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 295 रनों से हरा दिया।
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