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उप्र में सरकारी बसों को नुकसान पहुंचाना पड़ेगा महंगा

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UPSRTC_Logoलखनऊ | सरकारी बसों को जलाने और उनमें तोड़फोड़ करने वाले मामलों को गंभीरता से लेते हुए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) ने सख्त रुख अपनाया है। निगम के अधिकारियों का कहना है कि अगर इन घटनाओं में छात्र दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें सरकारी नौकरी से अयोग्य करार दे दिया जाएगा। निगम के प्रबंध निदेशक ने इस बाबत सूबे के सभी जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं।

प्रबंध निदेशक के. रवींद्र नायक ने मंगलवार को प्रदेश के जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को रिमाइंडर पत्र भेजकर खास निर्देश दिए हैं।

उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार ‘दि प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट’ का हवाला देते हुए सरकारी बसों को क्षति पहुंचाने वाले आंदोलनकारियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।

निर्देश के तहत बसों को नुकसान पहुंचाने वाले छात्रों को सरकारी एवं गैरसरकारी नौकरी के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा और अगर आम आदमी इन गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है तो उसे भी सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित कर दिया जाएगा।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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