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बिजनेस

आम बजट के बाद शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव

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आम बजट, शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव, बंबई स्टॉक एक्सचेंज, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज

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आम बजट, शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव, बंबई स्टॉक एक्सचेंज, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज

मुंबई| आम बजट 2016-17 पेश होने के बाद देश के शेयर बाजारों में दोपहर के कारोबार में उतार-चढ़ाव देखा गया। दोपहर करीब 2.30 बजे बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 31.05 अंकों की तेजी के साथ 23,185.35 पर कारोबार करते देखा गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी इस दौरान 13.95 अंकों की तेजी के साथ 7,043.70 पर कारोबार करते देखा गया। आम बजट पेश होने के बाद दोपहर के कारोबार में सेंसेक्स ने 52 सप्ताह का नए निचले स्तर 22,494.61 को छू लिया। बाद में हालांकि यह निचले स्तर से उबर गया। निफ्टी ने दोपहर के कारोबार तक 6,825.80 का निचला स्तर छुआ।

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में पेश किया 2016-17 का आम बजट

इससे पहले केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में आम बजट 2016-17 पेश किया। जियोजित बीएनपी पारिबा फायनेंशियल सर्विसिस के टेकि्न कल रिसर्च डेस्क के सह-प्रमुख आनंद जेम्स ने कहा, “निवेशकों को उम्मीद थी कि बजट में लीक से हटकर सुधार के कुछ उपाय अपनाए जाएंगे। बजट में हालांकि कई बड़े सुधारों की घोषणा हुई है।” एंजल ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष और शोध प्रमुख वैभव अग्रवाल के मुताबिक, “शेयर लेन-देन कर बढ़ाया जाना और बैंकों का कम पुन: पुंजीकरण बजट के कुछ नकारात्मक पहलू हैं।” बजट में ऑप्शन कारोबार में प्रतिभूति लेन-देन कर बढ़ाकर 0.5 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा गया है। अग्रवाल के मुताबिक, “ग्रामीण और अवसंरचना खर्च में वृद्धि बजट के सकारात्मक पहलू हैं।”

जायफिन एडवायजर्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी देवेंद्र नेवगी ने कहा, “लंबी अवधि के लिए उचित बजट है। अवसंरचना, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, सामाजिक क्षेत्र, शिक्षा, स्वास्थ्य और वित्तीय क्षेत्रों पर यथोचित ध्यान दिया गया है।” उन्होंने कहा, “पिरामिड के निचले स्तर पर रहने वालों को लक्षित किया गया है, जो लंबी अवधि में अच्छा होगा। बाजार का ध्यान अब कार्यान्वयन पर रहेगा। अगले साल के लिए वित्तीय घाटा का लक्ष्य बांड बाजार के लिए सकारात्मक है।”

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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