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बजट में न दृष्टिकोण और न प्रतिबद्धता : राहुल

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बजट में न दृष्टिकोण और न प्रतिबद्धता, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी

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बजट में न दृष्टिकोण और न प्रतिबद्धता, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी

नई दिल्ली| कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि आम बजट में न तो कोई दृष्टिकोण है और न प्रतिबद्धता। गांधी ने कई सारे ट्वीट किए, जिसमें उन्होंने कहा है, “बजट 2016 में दृष्टिकोण और प्रतिबद्धता दोनों नहीं है। पिछले दो बजटों में किए गए लंबे वादों की विफलता का कोई जिक्र किए बगैर नए वादों की एक सूची पेश की गई है।”राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के दो वर्ष किसानों, मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना), ग्रामीण विकास और सामाजिक खर्च पर कांग्रेस के फोकस का मजाक उड़ाने में बिता दिया, और अब इस बजट को किसान हितैषी बता रही है, जो हास्यास्पद है।

आम बजट 2016-17

गांधी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “बगैर किसी दृष्टिकोण या कार्रवाई के सिर्फ भाषणबाजी न तो इस देश के किसानों को मूर्ख बना सकती है और न गरीबों को।” राहुल ने हालांकि केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली को इस बात के लिए धन्यवाद दिया कि उन्होंने दृष्टिहीनों की मदद के लिए ब्रेल पेपर पर आयात शुल्क खत्म करने के गांधी के सुझाव को स्वीकार कर लिया।

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दिल्ली में सांस लेना है कितना खतरनाक, देखें इस खबर को

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नई दिल्ली। दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों में प्रदूषण से लोगों को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार सुबह 6 बजे दिल्ली के अधिकतर इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 के करीब दर्ज किया गया. जो कि ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है. आज दिल्ली के अलीपुर में AQI 362, आनंद विहार में 393, जहांगीरपुरी में 384, मुंडका में 396, नरेला में 383, नेहरू नगर में 362, पंजाबी बाग में 370, शादीपुर में 398, रोहिणी में 381 और विवेक विहार में 395 दर्ज किया गया. वायु प्रदूषण के कारण कई लोगों को सांस लेने में और आंखों में जलन की परेशानी हो रही है.

जीवन के 12 साल छीन रहा वायु प्रदूषण

बता दें कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को अच्छा माना जाता है। वहीं 51 से 100 एक्यूआई को संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401-500 के बीच एक्यूआई को गंभीर श्रेणी का माना जाता है। एक्सपर्ट्स की मानें तो दिल्ली का प्रदूषण लोगों के जीवन के 12 साल उनसे छीन रहा है। वहीं कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि दिल्ली के वायु प्रदूषण में एक दिन सांस लेने का मतलब है दिन भर में 10 से अधिक सिगरेट के बारबर धुएं को अपने शरीर में लेना। बता दें कि दिल्ली के वायु प्रदूषण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट भी सख्त है।

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