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‘जेल में इंद्राणी ने बताई शीना मर्डर केस में अपनी भूमिका’
मुंबई। अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या के आरोप में बीते साल अगस्त से लगातार जेल में रह रहीं इंद्राणी मुखर्जी ने अपने पति पीटर मुखर्जी से हत्याकांड में अपनी भूमिका कुबूल कर ली है। सूत्रों के मुताबिक इंद्राणी ने बायकुला जेल में अपने पति पीटर मुखर्जी से मुलाकात के दौरान बताया, ‘मुझे फंसाया जा रहा है, मैंने शीना का मर्डर नहीं किया है। शीना का मर्डर मिखाइल ने किया है, मैंने सिर्फ लाश छिपाने में मदद की थी।’ दोनों के बीच यह बातचीत बीते साल अक्टूबर में हुई थी और यह जानकार पीटर मुखर्जी बेहद हैरान थे। रविवार को पीटर के भाई गौतम मुखर्जी और उनकी बहन शगुन मुखर्जी ने एक विशेष बातचीत में बताया कि पीटर को बेवजह केस में घसीटकर जांच एजेंसियों को कुछ नहीं मिलने वाला। उन्होंने कहा कि केस से जुड़े करीब 250 गवाह हैं, लेकिन किसी ने भी पीटर पर उंगली नहीं उठाई।
शीना बोरा हत्याकांड
उन्होंने बताया कि अप्रैल 2012 में जब शीना की हत्या की गई थी, पीटर लंदन में थे। परिवार ने बातचीत के दौरान खुलासा किया कि इंद्राणी हालांकि शीना के मर्डर के बारे में सोच ही नहीं सकती थी, क्योंकि वह अपने पूर्व पति संजीव खन्ना के साथ एक ‘डर्टी वीकेंड’ मनाने के मूड में थी। उन्होंने बताया कि घटना के दिन मिखाइल (इंद्राणी का बेटा) अपने ड्राइवर श्यामवर राय और शीना के साथ कार से कहीं गया हुआ था। जब वह वापस आया तो उसके साथ शीना नहीं थी, इंद्रामी द्वारा शीना के बारे में पूछे जाने पर मिखाइल ने बताया कि उसने शीना का मर्डर कर दिया है। इंद्राणी की गिरफ्तारी के बाद पीटर को पता चला कि इंद्राणी और संजीव खन्ना अब भी एक-दूसरे से प्यार करते हैं। गौतम ने कहा, ‘पीटर के भरोसे का गलत इस्तेमाल किया गया। मैंने जब कोर्ट में पीटर से मुलाकात की तो उन्होंने मुझसे बताया था कि मुझे सबसे ज्यादा दुख इस बात का है कि इंद्राणी ने मुझे 15 साल से धोखा दिया। वह मेरा सब कुछ ले लेती पैसा, प्रॉपर्टी, सब कुछ, लेकिन धोखा देने की क्या जरूरत थी?’
गौतम के मुताबिक, जब पुलिस इंद्राणी को गिरफ्तार करके ले जा रही थी, तब पीटर जिम में थे। पुलिस के वर्ली स्थित घर पर होने की खबर पाकर वह तुरंत भागकर आए और पुलिस जीप में बैठी इंद्राणी से कहा, ‘तुम शीना को कॉल क्यों नहीं करती हो। मैं लॉस एंजिलिस से उसके यहां आने का इंतजाम करा दूंगा।’ गौतम ने बताया, ‘हालांकि थोड़ी देर बाद जब हम खार पुलिस स्टेशन पहुंचे तो मुझे बताया गया कि मैं काफी भाग्यशाली हूं जो मेरा भाई जिंदा है। मुझे बताया गया कि शीना की हत्या के बाद मिखाइल और मेरे भाई (पीटर) निशाने पर थे।’ पीटर की बहन शगुन ने बताया, ‘इंद्राणी ने झूठ का एक जाल बुना था, उसने पीटर को तीन साल तक अंधेरे में रखा कि शीना जिंदा है और लॉस एंजिलिस में है।’ एक पल को पीटर को लगा कि यह महज़ एक गलतफहमी है जो शीना के अमेरिका से वापस आते ही खत्म हो जाएगी, हालांकि काफी समय बाद पीटर को पता लगा कि इंद्राणी को आईपीसी के सेक्शन 302 (मर्डर) के तहत गिरफ्तार किया गया है।’
नेशनल
सुप्रीम कोर्ट ने मजदूर के बेटे को दिलाया IIT में एडमिशन, कहा- प्रतिभाशाली छात्र को मझधार में नहीं छोड़ सकते
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक गरीब मजदूर के बेटे को आईआईटी में एडमिशन मिल गया है। दरअसल, मजदूर किसान का बेटा अतुल कुमार अपनी आगे की पढ़ाई के लिए IIT धनबाद के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कोर्स में दाखिला लेना चाहता था, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वो डेडलाइन पर फीस नहीं जमा कर सका। जिस कारण उसका आईआईटी में एडमिशन लेने का सपना, सपना ही रह गया।
दरअसल 18 वर्षीय अतुल कुमार के माता-पिता 24 जून तक फीस के रूप में 17,500 रुपये जमा करने में विफल रहे, जो आवश्यक शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि थी। कुमार के माता-पिता ने आईआईटी की सीट बचाने के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, झारखंड विधिक सेवा प्राधिकरण और मद्रास हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या दिया आदेश
इस मामले पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, जज जेबी पारदीवाला और जज मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, ‘हम ऐसे प्रतिभाशाली युवक को अवसर से वंचित नहीं कर सकते। उसे मझधार में नहीं छोड़ा जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 142 के तहत अपनी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता को आईआईटी धनबाद में एडमिशन दिया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता जैसे स्टूडेंट कमजोर वर्ग से आते हैं। उनको एडमिशन लेने से रोका नहीं जा सकता है।
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