Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तराखंड

रेप के दोषियों पर उत्तराखंड सरकार ने जो फैसला लिया है उससे मोदी सरकार को सीख लेनी चाहिए

Published

on

Loading

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरूवार को मीडिया से अनौपचारिक वार्ता करते हुए कहा कि नाबालिक बच्चियों के साथ रेप जैसे जघन्य अपराधों के लिए अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान किया जाना समीचीन लगता है। इसलिए प्रदेश में माईनर बच्चियों के साथ होने वाली रेप जैसी दुर्घटनाओं में अपराधी को फांसी की सजा दिए जाने का प्राविधान किया जाएगा ।

मेरी सरकार अवयस्क बालिकाओं के साथ बलात्कार के मामले में दोषियों को फाँसी की सज़ा का प्रावधान करेगी और इसको सुनिश्चित करने हेतु जल्दी ही क़ानून बनाया जाएगा ।

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के 2016 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में बलात्कार के मामले 2015 की तुलना में 2016 में 12.4 फीसदी बढ़े हैं।

सीएम रावत ने आगे कहा कि इस प्रकार की जघन्य अपराधों पर रोक लगाई जा सके। इसके लिए आगामी विधानसभा सत्र में इस सम्बंध में विधेयक लाया जाएगा।

भारत में वर्ष 2016 में 38,947 बलात्कार के मामले दर्ज हुए। इनमें से मध्य प्रदेश में सबसे अधिक मामले (4,882 मामले) सामने आए थे। इसके बाद दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश आता है, यूपी में 4,816 बलात्कार के मामले दर्ज हुए थे।

 

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

Published

on

Loading

उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

Continue Reading

Trending