Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

जानिए क्यों बढ़ गई है दलितों के विरोध की वजह से मोदी सरकार की टेंशन

Published

on

मोदी सरकार

Loading

नई दिल्ली। मोदी सरकार को केंद्र की  सत्ता में आए लगभग 4 साल हो गए हैं। इन चार सालों में मोदी सरकार ने कई आंदोलन देखे हैं। इन आंदोलन की एक खास बात यह है कि ज्यादातर आंदोलन दलितों ने किया है। मोदी सरकार एक बार फिर दलितों के मुद्दे पर उलझती नजर आ रही है। दलितों के मुद्दो की बात हो उससे पहले यह जान लेते हैं कि राजनीति में दलित कितने महत्वपूर्ण हैं।

मोदी सरकार

किसी भी राजनीतिक दल को सत्ता में आने के लिए दलित वोटों की खास जरुरत होती है। अगर आंकड़ो की बात की जाए तो भारत में लगभग 20 फीसदी आबादी दलितों की है। संसद में दलितों सांसदों की संख्या 131 है जिनमें 84 SC कैटगरी के हैं। वहीं ST कैटगरी के 47 सांसद हैं। माना जाता है कि दलितों का झुकाव जिस तरफ होता है वो ही सत्ता पर काबिज होता है। चाहे वो केंद्र की सत्ता हो या फिर राज्य की सत्ता। इन चार सालों में कई बार दलित आंदोलन हुए हैं।

मोदी सरकार

हर बार आंदोलन हुआ लेकिन बीजेपी पर इसका कोई खास असर नहीं देखने को मिला। लेकिन इस बार बीजेपी दलितों के मुद्दो पर ज्यादा एक्शन में दिख रही है। सुप्रीम कोर्ट के त्वरित सुनवाई से इंकार के बाद से केंद्र सरकार के लिए परेशानी बढ़ गई है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। माना जा रहा है कि बीजेपी ने कर्नाटक चुनाव से पहले अगर कोई रास्ता नहीं निकाला तो होने वाले विधानसभा चुनाव में उनको खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

मोदी सरकार

कर्नाटक में 23 फीसदी दलितों की संख्या है ऐसे में बीजेपी होने वाले चुनाव के मद्देनजर दलितों को नाराज नहीं करना चाहती। SC/ST Act में बदलाव के विरोध में चल रहे आंदोलन में जो राज्य सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं उन राज्यों में मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ है। गौर करने वाली बात यह है कि इन राज्यों में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में दलितों का यह आंदोलन चुनाव के लिहाज से बीजेपी के लिए घातक साबित हो सकता है।

https://aajkikhabar.com/236594/news-anchor-news-channel-suicide-radhika-reddy/

नेशनल

गैस चेंबर बनी दिल्ली, AQI 500 तक पहुंचा

Published

on

Loading

नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दरअसल दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बदतर स्थिति में है। अगर श्रेणी के आधार पर बात करें तो दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्थिति में बना हुआ है। कल जहां एक्यूआई 470 था तो वहीं आज एक्यूआई 494 पहुंच चुका है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एक्यूआई के आंकड़ें आ चुके हैं। अलीपुर में 500, आनंद विहार में 500, बवाना में 500 के स्तर पर एक्यूआई बना हुआ है।

कहां-कितना है एक्यूआई

अगर वायु गुणवत्ता की बात करें तो अलीपुर में 500, बवाना में 500, आनंद विहार में 500, डीटीयू में 496, द्वारका सेक्टर 8 में 496, दिलशाद गार्डन में 500, आईटीओ में 386, जहांगीरपुरी में 500, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 500, लोधी रोड में 493, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 499, मंदिर मार्ग में 500, मुंडका में 500 और नजफगढ़ में 491 एक्यूआई पहुंच चुका है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। ऐसे में दिल्ली में ग्रेप 4 को लागू कर दिया गया है। इस कारण दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और ऑनलाइन माध्यम से अब क्लासेस चलाए जाएंगे।

Continue Reading

Trending