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सारे मुसलमान एक जुट होकर 24 नवंबर को दिल्ली का घेराव करें : मौलाना तौकीर रजा
जयपुर। जयपुर में हए तहफ्फुज-ए-औकाफ कॉन्फ्रेंस कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने लोगों से दिल्ली रामलीला ग्राउंड पहुंचने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि जलसे और धरने तो होते रहते हैं, लेकिन अगर सरकार से अपनी बात मनवानी है तो सारे मुसलमान एक जुट होकर 24 नवंबर को दिल्ली का घेराव करें। पैगंबर-ए-इस्लाम व इस्लाम से जुड़े प्रतीकों पर होने वाली गलत टिप्पणियों के खिलाफ प्रदर्शन की बात उन्होंने कही है।
मैं हिन्दुओं के बारे में ज्यादा सोचता हूं- तौकीर
मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि मैं हिन्दू समाज के बारे में ज्यादा सोचता हूं। हजारों मुस्लिम लड़कियों को हिंदू लड़के बहका कर ले गए। क्या हजारों हिन्दू लड़कियों का उन हिन्दू लड़कों पर अधिकार था कि नहीं? तौकीर रजा ने आगे कहा कि हमारे हिन्दू नौजवान को उनके मां बाप अच्छे संस्कार नहीं दे रहे। मां बाप को उनपर भी नजर रखनी चाहिए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में तौकीर रजा ने ये भी कहा कि मेरी बातें देश हित में होती हैं।
पीएम मोदी पर भी की टिप्पणी
मौलाना तौकीर रजा ने पीएम मोदी को लेकर भी टिप्पणी की है। रजा ने कहा कि पीएम ने जैसा कहा एक रहोगे तो सेफ रहोगे। पीएम को पीएम की हैसियत से बात करनी चाहिए। वो 140 करोड़ लोगों के पीएम हैं। उन्होंने ये बात सिर्फ हिंदुओं के लिए नहीं कही होगी बल्कि पूरे हिंदुस्तान के लोगों के लिए कही होंगी।
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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात
कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान
मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’
4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।
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