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उत्तराखंड

अमित शाह ने शंखनाद रैली से पूर्व किए बद्री-केदार के दर्शन

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अमित शाह, शंखनाद रैली, बद्री-केदार के दर्शन, उत्तराखंड

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अमित शाह, शंखनाद रैली, बद्री-केदार के दर्शन, उत्तराखंड

Amit Shah at Badrinath

देहरादून। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह शनिवार को उत्तराखंड में प्रमुख धाम केदारनाथ और बदरीनाथ पहुंचकर दर्शन किए। बदरीनाथ धाम में दर्शन करने के बाद शाह ने कहा कहा कि 2017 में उत्तराखंड में हमारी सरकार आएगी। इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं का मनोबल भी बढ़ाया।

भाजपा अध्यक्ष सुबह आठ बजकर पैंतीस मिनट पर दिल्ली से सीधे केदारनाध धाम पहुंचे। शाह के दौरे के मद्देनजर पार्टी के दिग्गज पहले ही केदारधाम में पहुंचे हुए थे। यहां भाजपा के प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू और प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने उनकी अगवानी की। इसके बाद अमित शाह भगवान केदारनाथ के दर्शन करने पहुंचे।

भाजपा अध्यक्ष ने लगभग 20 मिनट तक मंदिर में पूजा की। शाह ने नंदी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इस दौरान उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट और पूर्व विधायक और भाजपा नेता हरक सिंह रावत मौजूद रहे।

लगभग एक घंटे तक धाम में रहने के बाद शाह 9ः40 बजे बदरीनाथ धाम के लिए रवाना हो गए। प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट और दूसरे भाजपा नेता दूसरे शाह की अगवनी के लिए हेलीकॉप्टर से पहले ही बदरीनाथ धाम पहुंच गए थे। 11 बजकर 16 मिनट पर अमित शाह हेलीकॉप्टर से बदरीनाथ धाम पहुंचे। धाम में पहुंचने के बाद अमित शाह ने भगवान बदरीविशाल के दर्शन किए।

बदरीनाथ में दर्शन के बाद शाह ने स्थानीय कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। कहा कि 2017 में उत्तराखंड में हमारी ही सरकार आएगी। इसलिए कार्यकर्ता पूरे मनोबल के साथ विजय अभियान में जुट जाएं। शाह ने कहा यात्रा मार्ग में आ रही परेशानियों को दूर किया जाएगा। इस दौरान शाह ने मीडिया से दूरी बनाए रखी।

पूर्वनियोजित कार्यक्रम के तहत शुक्रवार के दिन शाह को ऋषिकेश आना था। यहां परमार्थ निकेतन में गंगा आरती के पश्चात रात्रि विश्राम करना था। शनिवार की सुबह उन्हें पहले केदारनाथ और फिर बद्रीनाथ जाना था। उसके बाद हरिद्वार में दो बजे आयोजित रैली को संबोधित करना था। मगर ऐन वक्त पर शाह के कार्यक्रम में तब्दीली हो गई।

जिसके चलते आज वे सीधे दिल्ली से केदारधाम पहुंचे। वहीं देर रात 12 बजे वे देहरादून-काठगोदाम एक्सप्रेस से हल्द्वानी के लिए रवाना होंगे, जहां रविवार को उन्हें प्रांतीय परिषद की बैठक में हिस्सा लेना है।

उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा बद्री-केदार के दर्शन कर जहां पार्टी को मजबूत करने की कोशिश की कामना की जा रही है, वहीं चुनावी शंखनाद के जरिए कार्यकर्ताओं को एकजुट करने की भी कोशिश की जा रही है।

अब देखना यह होगा कि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को इसका लाभ मिलता है या फिर पार्टी की वही स्थिति देखने को मिलती जो दो माह पहले राज्य में देखने को मिली।

रैली में पहुंचे अमित शाह

हरिद्वार के ऋषिकुल मैदान में हो रही शंखनाद महारैली को संबोधित करने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह मंच पर पहुंच चुके हैं। मंच पर भाजपा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, हरिद्वार सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, भाजपा नेता सतपाल महाराज, विधायक मदन कौशिक, विधायक स्वामी यतीश्वरानंद मौजूद हैं।

इससे पहले मंच से बोलते हुए भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सतपाल महाराज ने कहा कि शंखनाद रैली से भाजपा उत्तराखंड में विजयी शंखनाद करेगी। कांग्रेस के नौ विधायकों के भाजपा में आने का जिक्र करते हुए महाराज ने कहा कि भाजपा की शक्ति बढ़ी है। उन्होंने कहा कि वह केदारनाथ और बदरीनाथ के दर्शन कर सीधे हरिद्वार आए हैं।

इसी दौरान रैली स्थल के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ता रैली मैदान के बाहर काले झंडे लेकर विरोध करने लगे। जिसके बाद पुलिस ने कांग्रेस नेता सचिन चैधरी, हिमांशु बहुगुणा समेत कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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