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उत्तराखंड

आज अर्द्धकुम्भ हरिद्वार का अंतिम स्नान

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अर्द्धकुम्भ हरिद्वार का दसवां एवं अंतिम स्नान, सुबह सात बजे देव डोलियों का शाही स्नान, कुमाऊं से देव निशान और गढ़वाल से देव डोलियों का आवागमन

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अर्द्धकुम्भ हरिद्वार का दसवां एवं अंतिम स्नान, सुबह सात बजे देव डोलियों का शाही स्नान, कुमाऊं से देव निशान और गढ़वाल से देव डोलियों का आवागमन

हरिद्वार। शुक्रवार को हरिद्वार अर्द्धकुंभ का दसवां एवं अंतिम स्नान है जिसके लिए मेला प्रशासन ने पूरी कमर कस ली है। इस स्नान का सबसे बड़ा आकर्षण प्रदेशभर से पहुंच रही देव डोलियों का ‘शाही’ स्नान है। गुरुवार देर शाम से कुमाऊं से देव निशान और गढ़वाल से देव डोलियों का आवागमन बैरागी कैंप में शुरू हुआ। स्नान को सकुशल निपटाने के लिए पुलिस प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की हुई है। एक जनवरी से चल रहे अर्द्धकुंभ मेले के नौ प्रमुख स्नान हो चुके हैं। दसवां एवं अंतिम स्नान आज (शुक्रवार को) चल है। स्नान में श्रद्धालुओं की भीड़ कुछ खास तो नजर नहीं आयी लेकिन देव डोलियों के स्नान के चलते यह स्नान खास बन गया। मेलाधिकारी एसए मुरुगेशन और मेला आईजी जीएस मर्तोलिया ने सुबह से शाम तक मेले की तैयारियों की समीक्षा की। सहयोगी अधिकारियों को सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए।

सुबह सात बजे किया देव डोलियों ने स्नान

राज्यभर से हरिद्वार पहुंची देव डोलियां शुक्रवार प्रातः हरकी पैड़ी पर स्नान किया। रात में इनके समक्ष हुए जागर के बाद तड़के तीन बजे डोलियों का जागरण हुआ। योग संस्कृति शोभायात्रा समिति के केंद्रीय अध्यक्ष मोहन सिंह रावत गांववासी और मुख्य संयोजक श्रीमहंत रघुवीर दास के संयोजन में बैरागी द्वीप पर तमाम व्यवस्थाएं की है। मेला प्रशासन ने व्यवस्थाएं बनाने के लिए सहयोग किया है। बाबा रामदेव ने इनके साथ पहुंचे यात्रियों के लिए भोजन की व्यवस्था की। देव डोलियां तड़के तीन बजे जगीं। उसके बाद पारंपरिक वाद्य यंत्रों और लोक गीतों के साथ देवताओं से हरकी पैड़ी चलने का आग्रह किया गया। दो घंटे के सांस्कृतिक कार्यक्रम के उपरांत डोलीयात्रा पर्वतीय वाद्य यंत्रों के साथ हरकी पैड़ी के लिए रवाना हुई। सुबह सात बजे से एक घंटे चलने वाला डोली स्नान प्रारंभ हुआ। उसके बाद देव डोलियां पुनः बैरागी द्वीप आईं। यहां इनके साथ पहुंचे यात्रियों के लिए नाश्ते आदि की व्यवस्था की गयी थी। पूर्वाह्न 11 बजे पंतद्वीप के सांस्कृतिक पंडाल में आयोजन समितियों ने डोलियों का सम्मान किया और उन्हें अपने मूल स्थानों के लिए रवाना कर दिया।

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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