Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

क्या है जम्मू-कश्मीर के अनुच्छेद 35-ए का किताबी सच?

Published

on

article 35A of jammu and kashmir

Loading

पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा हटा दी गयी थी। इसके ठीक बाद पुलिस ने कुछ अलगाववादी नेताओं को अपनी गिरफ्त में ले लिया जिनमे से एक हैं JKLF के नेता यासीन मालिक। माना जा रहा अनुच्छेद 35-ए को हटाने की वजह हुई है गिरफ्तारी।

क्या है अनुच्छेद 35ए?

सूत्रों की माने तो 26 फ़रवरी को सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद  पर होने वाली कार्यवाही की वजह से इन गिरफ्तारियों को अंजाम दिया गया हैं।

सुप्रीम कोर्ट में संविधान के अनुच्छेद 35-ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जल्द ही सुनवाई होने वाली है। 2014 में वी द सिटिजंस नाम के एक NGO ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट मे अर्ज़ी दाखिल की थी।

इस अर्जी में संविधान के अनुच्छेद 35A और अनुच्छेद 370 की वैधता को चुनौती दी गई हैं।

NGO द्वारा दाखिल की गयी अर्ज़ी में ये दलील दी गई कि संविधान बनाते वक्त कश्मीर को ऐसा कोई विशेष दर्ज़ा देने की बात नहीं कही गई थी। यहां तक कि संविधान का ड्राफ्ट बनाने वाली संविधान सभा में चार सदस्य खुद कश्मीर से थे।

अनुच्छेद 370 टेम्परेरी प्रावधान था, जो उस वक्त हालात सामान्य और लोकतंत्र मजबूत करने के लिए लाया गया था।

संविधान निर्माताओं ने ये नहीं सोचा था कि अनुच्छेद 370 के नाम पर 35 ए जैसे प्रावधान जोड़े जाएंगे। अनुच्छेद 35 ए उस भावना पर चोट करता है जो एक भारत के तौर पर पूरे देश को जोड़ता है।

आपको बता दें कि इससे राष्ट्रपति के एक आदेश से संविधान में साल 1954 में जोड़ा गया था।ये आदेश तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की कैबिनेट की सलाह पर जारी हुआ था।

इस आदेश के जारी होने से दो साल पहले 1952 में नेहरू और शेख अब्दुल्ला के बीच दिल्ली में समझौता हुआ था। जिसके तहत अनुच्छेद 35 ए को खास तौर पर कश्मीर के स्पेशल स्टेटस को दिखाने के लिए लाया गया।

विरोधकर्ताओं ने इस पर ये दलील दी है कि यह एक राष्ट्रपति आदेश है, जिसे खत्म होना चाहिए। क्योंकि संसद में इस पर कोई चर्चा और बहस नहीं हुई थी। संसद को बिना बताएं ही इसको संविधान में जोड़ दिया गया।

अनुच्छेद 35A के मुताबिक़ जम्मू कश्मीर को ये अधिकार मिला है कि वो किसे अपना स्थाई निवासी माने और किसे नहीं। वहाँ के स्थाई  निवासियों को जमीन खरीदने, रोजगार पाने और सरकारी योजनाओं में विशेष अधिकार मिलते हैं।

वहीँ देश के किसी दूसरे राज्य के निवासी को जम्मू-कश्मीर की नागरिकता नहीं मिल सकती हैं। इससे ना तो वो कश्मीर में जमीन खरीद सकते हैं और नाही राज्य सरकार उन्हें नौकरी दे सकती है।

इतना ही नहीं अगर जम्मू-कश्मीर की कोई महिला भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से शादी कर ले तो उसके भी अधिकार छीन लिए जाते हैं।

रिपोर्ट-मानसी शुक्ला

नेशनल

गैस चेंबर बनी दिल्ली, AQI 500 तक पहुंचा

Published

on

Loading

नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दरअसल दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बदतर स्थिति में है। अगर श्रेणी के आधार पर बात करें तो दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्थिति में बना हुआ है। कल जहां एक्यूआई 470 था तो वहीं आज एक्यूआई 494 पहुंच चुका है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एक्यूआई के आंकड़ें आ चुके हैं। अलीपुर में 500, आनंद विहार में 500, बवाना में 500 के स्तर पर एक्यूआई बना हुआ है।

कहां-कितना है एक्यूआई

अगर वायु गुणवत्ता की बात करें तो अलीपुर में 500, बवाना में 500, आनंद विहार में 500, डीटीयू में 496, द्वारका सेक्टर 8 में 496, दिलशाद गार्डन में 500, आईटीओ में 386, जहांगीरपुरी में 500, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 500, लोधी रोड में 493, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 499, मंदिर मार्ग में 500, मुंडका में 500 और नजफगढ़ में 491 एक्यूआई पहुंच चुका है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। ऐसे में दिल्ली में ग्रेप 4 को लागू कर दिया गया है। इस कारण दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और ऑनलाइन माध्यम से अब क्लासेस चलाए जाएंगे।

Continue Reading

Trending