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उत्तर प्रदेश

20 एसी इलेक्ट्रिक बसों के जरिए लखनऊ समेत कई बड़े शहरों से जुड़ेगा अयोध्या धाम

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अयोध्या। अयोध्या के प्रसिद्ध रामजन्मभूमि मंदिर मे भगवान रामलला के विराजमान होने के बाद अयोध्या मे प्रतिदिन लाखों की संख्या मे श्रद्धालु प्रतिदिन अयोध्या पहुंच रहे हैं। ऐसे में, श्रद्धालुओं को यातायात की सुविधाएं प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने यूं तो सैकड़ों बसों का संचालन किया है। मगर, अब देश विदेश से आनेवाले तीर्थयात्रियों को इलेक्ट्रिक बेस्ड एसी बसों की सुविधा प्रदान करने के लिए योगी सरकार ने बीड़ा उठाया है। इसके प्रथम चरण मे अयोध्या से विभिन्न शहरों के लिए 20 एसी बसें चलाने का निर्णय लिया है।

इन शहरों को प्रमुख रूप से चलाई जाएंगी एसी बसें

योगी सरकार की मंशा है कि अयोध्या को प्रदेश के अन्य धार्मिक स्थलों से जोड़ा जाए जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा सुगम बन सके। इसके लिए सरकार ने अयोध्या से 200 से 250 किमी की दूरी वाले शहरों व धार्मिक स्थलों तक एसी बस चलाने का निर्णय लिया है। इसके लिए प्रथम चरण मे 20 एसी बसें अभी संचालित की जाएंगी। ये बसें अयोध्या से प्रयागराज, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, बस्ती, अमेठी, वाराणसी, लखनऊ, गोंडा व बाराबंकी के बीच संचालित की जाएंगी। इससे इन शहरों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ेगी।

कई सुविधाओं से लैस होंगी एसी बसें

अयोध्या से शीघ्र प्रारम्भ होने वाली 20 एसी बसें कई सुविधाओं से लैस रहेंगी। महाकुंभ मेले में अयोध्या से इसी प्रकार की और अधिक बसें संचालित होने की है उम्मीद है। इलेक्ट्रिक बस के संचालन से स्वच्छ ऊर्जा आधारित परिवहन को बल मिलेगा, साथ ही इससे सड़क परिवहन में जैविक इंधन युक्त वाहनों के चलने से होने वाले वायु प्रदूषण में कमी आएगी। वातानुकूलित बस होने पर तीर्थ यात्रियों को प्रतिकूल मौसम मे भी तीर्थाटन करने मे सुविधा मिलेगी। इस परियोजना के अंतर्गत अयोध्या शहर में स्वच्छ-ऊर्जा आधारित सार्वजनिक परिवहन विभाग के कार्यबल में भी विस्तार किया जाएगा।

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उत्तर प्रदेश

आमजन को शीतलहर से बचाने में जुटी योगी सरकार, जनपदों को आवंटित किए 20 करोड़

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लखनऊ| योगी सरकार ने ठंड को देखते हुए प्रदेशवासियों को शीतलहर से बचाने के लिए कंबल और अलावा के लिए विभिन्न जिलों को पहली किस्त जारी कर दी है। योगी सरकार ने करीब 20 करोड़ आवंटित करते हुए निराश्रित, असहाय एवं कमजोर वर्ग के लोगों को राहत देने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि जरुरतमंदों को वितरित किये जाने वाले कंबलों की गुणवत्ता उच्च क्वालिटी की होनी चाहिए। साथ ही सभी जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों को निराश्रित व्यक्तियों, शरणार्थियों और प्रभावितों के अस्थायी आवास, भोजन, वस्त्र एवं चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। राहत विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को धनराशि आवंटित कर दी है। जिलाधिकारियों द्वारा कंबल और अलाव के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है।

गाजीपुर, बुलंदशहर, गोरखपुर के लिए सबसे ज्यादा धनराशि आवंटित

राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के हर कमजोर वर्ग के साथ हमेशा खड़े रहते हैं। योगी सरकार की ओर से कई कल्याणकारी योजनाएं भी चलायी जा रही हैं। सरकार कमजोर, असहाय वर्ग के लोगों को आपदा से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। ठंड की शुरुआत के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शीतलहरी से निपटने के लिए 351 तहसील को कंबल के लिए पहली किस्त के रूप में 17.55 करोड़ रुपये आवंटितक किए गए हैं। वहीं अलाव के लिए एक करोड़ 75 लाख 50 हजार रुपये आवंटित किए गए। विभाग ने पहली किस्त के रूप में कुल उन्नीस करोड़ तीस लाख पचास हजार रुपये आवंटित किये हैं। इसमें 38 लाख 50 हजार रुपये की सर्वाधिक धनराशि गाजीपुर, बुलंदशहर, गोरखपुर, सीतापुर और लखीमपुर खीरी के लिए आवंटित की गई है। सभी मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को ठंड से निपटने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।

शेल्टर होम पर व्यवस्थापक का नाम और मोबाइल नंबर अवश्य दर्शाएं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शीतलहरी से निपटने के लिए जिलाधिकारियों, मुख्य विकास अधिकारियों, अपर जिलाधिकारियों, उपजिलाधिकारियों एवं तहसीलदारों को अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर निराश्रित, असहाय एवं कमजोर वर्ग के लोगों को चिह्नित करने के निर्देश दिये हैं। शीतलहरी से किसी भी व्यक्ति की मृत्यु न हो, यह सुनिश्चित करने को कहा गया है। सभी नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम एवं ग्रामीण इलाकों के सार्वजनिक स्थलों पर आवश्यकतानुसार अलाव जलाने को कहा गया है। इसके अलावा हर शहर की सीमा के तहत मुख्य मार्गों एवं विशेषकर दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों में सफेद थर्मोप्लास्टिक पेंट द्वारा पट्टियों को दर्शाने, रिफलेक्टर, सोलरकैट साईन एवं डेलिवेटर लगाने का काम समय से पूरा करने को कहा गया है, जिससे कोहरे के कारण दुर्घटना न हो। इसके अलावा अभियान चलाकर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में कृषि कार्यों में उपयोग में आने वाली ट्रैक्टर ट्रालियों के पीछे रेडियम की पीली पट्टी लगवाने को कहा गया है, जिससे कोहरे के कारण होने वाली दुर्घटनाओं पर नियत्रंण किया जा सके। शासन ने निर्देश दिया है कि सभी नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत में समय रहते रैन बसेरे एवं शेल्टर होम आदि की स्थापना कर ली जाए। रैन बसेरों-शेल्टर होम पर व्यवस्थापक का नाम और मोबाइल नंबर अवश्य दर्शाया जाए। जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा रात में औचक निरीक्षण भी किया जाए।

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