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गांवों में भी घूमेगा भरत का ‘योगचक्र’

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Bharat_Thakur5

नई दिल्ली| जाने माने योगा विशेषज्ञ व ‘आर्टिस्टिक योगा’ संस्था के संस्थापक भरत ठाकुर के नेतृत्व में योग एवं स्वस्थ जीवनशैली का संदेश प्रसारित करने के लिए आयोजित 90 दिन की विशाल साइक्लाथोन ‘योगचक्र’ यात्रा भारत के बड़े महानगरों के साथ-साथ गांवों में भी जानेवाली है। मैराथोन के द्वारा कवर किए जाने वाले मुख्य शहरों में शामिल हैं- काठमांडू, गोरखपुर, लखनऊ, आगरा, दिल्ली, जयपुर, कोटा, भोपाल, नागपुर, हैदराबाद, बैंगलुरू, मैसूर, कोचीन, अलेप्पी और कन्याकुमारी। इसमें स्थानीय लोगों के साथ-साथ जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े नागरिक एवं जानी-मानी हस्तियां हिस्सा लेंगी और इसे एक जन आंदोलन का रूप देने का प्रयास करेंगी।

योगचक्र की शुरुआत यूं तो 14 फरवरी को ही काठमांडू में हिमालय की गोद में हुई। अब यह दोनों देशों और 11 भारतीय राज्यों से गुजरते हुए लगभग 5000 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और भारत के छोर कन्याकुमारी पर इस यात्रा का समापन होगा।तीन सप्ताहों के दौरान 1000 किलोमीटर की यात्रा पूरी करने के बाद भरत ठाकुर और उनकी टीम जब गत मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली पहुंची तो केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नायक के इसे हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।

इस साइक्लाथोन का आयोजन पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में योगा और शांति का संदेश प्रसारित करने के उद्देश्य के साथ किया गया है। यात्रा के दौरान रोड शो, वार्ताओं, कार्यशालाओं, प्रदर्शनों एवं इंटरेक्शन्स का आयोजन किया जाएगा तथा मानवमात्र के लिए योगा के फायदों का संदेश प्रसारित किया जाएगा।

हरी झंडी दिखाने के बाद श्रीपद नायक ने कहा था, “मुझे खुशी है कि इस पहल के साथ जुड़ने का मौका मिला है, क्योंकि भरत ठाकुर योग और शांति के संदेश के साथ पूरे देश की यात्रा कर रहे हैं। मैं इसके लिए उन्हें शुभकामनाएं देता हूं। मैं योग के फायदों में विश्वास रखता हूं और यह देखकर अच्छा लगता है कि भरत योग की जड़ों को प्रसारित करने के लिए काम कर रहे हैं।”

भरत ठाकुर का कहना है, “भारत की जड़ों से जुड़ना मेरे लिए हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है। योगचक्र के माध्यम से मैं बड़ी संख्या में समाज के लोगों तक पहुंचना चाहता हूं और उन्हें बताना चाहता हूं कि कैसे योग जीवन के चक्र को संपूर्ण करने में योगदान देता है।” उन्होंने कहा, “योगा व्यक्तियों पर आधारित है और बेहतर व्यक्ति एक बेहतर समाज एवं देश का निर्माण कर सकते हैं। मुझे उम्मीद है कि यह साइक्लाथोन मुझे योग, शांति एवं सद्भाव का संदेश प्रसारित करने के मेरे मिशन में योगदान देगी।”योगचक्र की टीम देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में साइक्लिंग प्रेमियों, फिटनेस प्रेमियों एवं अन्य सभी लोगों को इस साइक्लाथोन में शामिल होने के लिए आमंत्रित करती है।

आर्टिस्टिक योगा, योग का एक रूप है जो आसन, प्राणायाम और योग क्रिया की क्लासिकल प्रथाओं के साथ शरीर क्रिया विज्ञान एवं बायो-मैकनिक्स का संयोजन है। यह योग का विशेष रूप है जो व्यक्ति को फिट एवं स्वस्थ बनाने के साथ तनाव में राहत देता है, साथ ही वजन कम करने, पेशियों की क्षमता में सुधार लाने तथा व्यक्ति के स्वास्थ्य से जुड़े विभिन्न पहलुओं जैसे ब्लड प्रेशर, शुगर, कॉलेस्ट्रॉल ट्राइग्लीसराइड के स्तर को सामान्य बनाए रखने में योगदान देता है।

भरत ठाकुर की कंपनी आर्टिस्टिक योगा 2002 में शुरू हुई, जिसकी शाखाएं भारत, यूएई, रूस और यूके में हैं। इसने देश के ग्रामीण एवं शहरी केंद्रों के युवा प्रशिक्षकों के लिए एक आंदोलन की शुरुआत की है और आम जनता के लिए योग की अवधारणा में क्रांतिकारी बदलाव लाया है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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