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बीसीसीआई, आईपीएल के लिए अलग-अलग हों शासकीय निकाय : लोढ़ा समिति

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बीसीसीआई, आईपीएल, अलग-अलग शासकीय निकाय, लोढ़ा समिति, प्रधान न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) आर. एम. लोढ़ा, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अशोक भान, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) आर. वी. रवींद्रन की सदस्यता वाली समिति

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नई दिल्ली| न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) आर. एम. लोढ़ा की समिति ने सोमवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में सुधारों की सिफारिश के संबंध में अपनी रिपोर्ट सर्वोच्च न्यायालय को सौंप दी। समिति ने अपनी रिपोर्ट में बीसीसीआई और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के लिए अलग अलग शासकीय निकाय की सिफारिश की है। साथ ही समिति ने एक राज्य एक सदस्य प्रणाली अपनाने की भी सिफारिश की है। प्रधान न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) आर. एम. लोढ़ा, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अशोक भान, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) आर. वी. रवींद्रन की सदस्यता वाली समिति ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड में कई सुधारों की सिफारिश की है। समिति ने आईपीएल का संचालन करने वाली इकाई में नौ सदस्यों के होने की सिफारिश की है जिसमें बीसीसीआई के सचिव और कोषाध्यक्ष पदेन सदस्य होने चाहिए।

रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि आईपीएल गवर्निग काउंसिल के दो सदस्यों को पूर्ण सदस्यों द्वारा या तो नामित किया जाना चाहिए या फिर चुना जाना चाहिए। बाकी बचे पांच में से दो सदस्य फ्रेंचाइजी द्वारा नामांकित किए जाएं, एक सदस्य खिलाड़ियों के संघ का प्रतिनिधित्व करे (संघ को अभी बनाया जाना है) जबकि एक सदस्य को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) द्वारा नामांकित किया जाना चाहिए। अपनी कुछ और सिफारिशों में समिति ने कहा है कि बीसीसीआई में हर राज्य से एक ही सदस्य होना चाहिए। हर राज्य का एक संघ बीसीसीआई का पूर्ण सदस्य हो और उसे मत देने का अधिकार हासिल हो। बिना किसी क्षेत्र वाले सदस्य, जैसे रेलवे, सर्विसेज (सेना), सीसीआई, एनसीसी का स्थान घटाकर एसोसिएट का कर दिया जाना चाहिए और इन्हें मत देने का अधिकार नहीं होना चाहिए। लोढ़ा समिति ने बीसीसीआई के रोजमर्रा के कामों को देखने के लिए एक कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नियुक्त करने की सिफारिश भी की है, जिसे छह पेशेवर प्रबंधकों का साथ हासिल हो। लोढ़ा समिति ने कहा है कि कार्यकारी अधिकारी और उसके छह सहायक, नौ सदस्यीय सर्वोच्च परिषद को अपनी रिपोर्ट सौंपें जिसमें पांच चुने हुए, दो खिलाड़ियों के संघ के प्रतिनिधि और एक महिला शामिल हो।

बीसीसीआई अधिकारियों की उम्र सीमा तय करते हुए समिति ने इसे 70 वर्ष करने की सिफारिश की है। साथ ही कहा है कि किसी भी अधिकारी का कार्यकाल तीन बार से ज्यादा का नहीं होना चाहिए और इन्हें मंत्री या सरकारी अधिकारी नहीं होना चाहिए। लोढ़ा समिति ने खिलाड़ियों के हितों की रक्षा के लिए एक मजबूत एजेंट पंजीकरण प्रणाली बनाने की भी बात कही है। समिति ने पूर्व खिलाड़ियों की संचालन समिति बनाने और इसमें पूर्व खिलाड़ी मोहिंदर अमनरनाथ, महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान डायना इदुलजी और पूर्व दिग्गज लेग स्पिनर अनिल कुंबले को शामिल करने की बात कही है। यह समिति खिलाड़ियों के संघ बनाने के मुद्दे पर लोढ़ा समिति की रिपोर्ट के बिंदुओं के आधार पर बीसीसीआई से बात करे। न्यायमूर्ति लोढ़ा ने कहा है कि समिति ने एक प्रश्नावली तैयार की थी और बीसीसीआई के कई अधिकारियों, भारतीय क्रिकेट के कई दिग्गजों, भारतीय टीम के पूर्व कप्तानों से बात कर इस रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया गया है। इन लोगों में बिशन सिंह बेदी, कपिल देव, सौरभ गांगुली, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और अनिल कुंबले शामिल हैं।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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