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बिहार में चमकी बुखार हुआ बेकाबू, 75 नए मामले आए सामने

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पटना। बिहार में चमकी का कहर अभी भी जारी है। इस खतरनाक बीमारी से निपटने में फिलहाल बिहार सरकार नाकाम नजर आ रही है।

अब तक इस जानलेवा बीमारी से 112 बच्चों की जान जा चुकी है वहीं 24 घंटे के अंदर मेडिकल कॉलेज में 75 नए मामले सामने आए हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक इस समय 418 बच्चों का इलाज चल रहा है, जिसमें कई की हालत गंभीर बताई जा रही है, लेकिन अभी तक न तो सरकार, न डॉक्टर ये तय कर पाए हैं कि ये बीमारी कौन सी है।

मुजफ्फरपुर और आसपास के इलाकों में इसे चमकी कहा जा रहा है, लेकिन सरकार को शायद ये फुरसत ही नहीं है कि बीमारी की असल वजह और इलाज ढूंढा जाए।

बीमारी फैलने के करीब 20 दिन बाद मंगलवार की सुबह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुजफ्फरपुर के SKMCH अस्पताल पहुंचे।

अस्पताल पहुंचने पर सीएम नीतीश की लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। नीतीश कुमार के पहुंचने पर लोगों ने नीतीश कुमार के विरोध में नारे लगाए।

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ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 रुपये के बदले देना पड़ेगा 35,453 रुपये, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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