Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

भाजपा के नेता किया बड़ा खुलासा, कश्मीर में ये चाहती है पार्टी…

Published

on

भाजपा

Loading

नई दिल्ली। भाजपा महासचिव राम माधव ने शनिवार को जम्मू एवं कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के असंतुष्ट विधायकों के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने की किसी भी संभावना से इंकार कर दिया। माधव ने ट्वीट किया, हम राज्य में शांति, सुशासन और विकास के हित में राज्यपाल शासन लागू रहने देने के पक्ष में हैं।

भाजपा

माधव का यह बयान ऐसे समय आया है, जब ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा और इसके सहयोगी, पूर्व अलगाववादी सज्जाद लोन का पीपुल्स कांफ्रेंस पीडीपी में एक राजनीतिक नियंत्रण स्थापित कर इसके बागी विधायकों का समर्थन हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं।

पीडीपी के कम से कम पांच विधायकों ने सार्वजनिक तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के खिलाफ बयान दिया था। पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने एक ट्वीट कर माधव से उन रपटों के बारे में पूछा, जिसमें भाजपा की राज्य इकाई ने यह स्वीकार किया है कि उसने पार्टी के तौर पर पीडीपी को तोड़ने का प्रयास किया।

अब्दुल्ला ने माधव और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, किसी भी कीमत पर सत्ता हासिल करना मार्गदर्शक दर्शन प्रतीत होता है। इसके जवाब में माधन ने लिखा, यह ‘सही नहीं’ है। उन्होंने कहा, मैं निश्चित ही राज्य इकाई से चर्चा करूंगा और यह सुनिश्चित करूंगा कि भाजपा घाटी की अन्य पार्टियों में जो कुछ भी हो रहा है, उससे खुद को दूर रखे।

87 सदस्यीय जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा में सत्ता हासिल करने के लिए जरूरी सदस्यों के जादुई आंकड़े किसी भी पार्टी के पास नहीं हैं।सदन में, पीडीपी के पास 28 विधायक हैं, भाजपा के पास 25 विधायक हैं और इसे पीपुल्स कांफ्रेंस के दो विधायकों और लद्दाख के एक विधायक का समर्थन प्राप्त है।

यहां सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी के पास 44 विधायकों का समर्थन जरूरी है। राज्य का दल-बदल निरोधक कानून अन्य जगहों की तुलना में काफी कठोर है। बिना अयोग्य ठहराए दूसरी पार्टी में शामिल होने वाले विधायकों की संख्या सदन में पार्टी की कुल संख्या की दो-तिहाई होनी चाहिए। ऐसी स्थिति में, अयोग्यता से बचने के लिए पीडीपी के कम से कम 18 विधायकों को एकसाथ पार्टी छोड़नी होगी।

जम्मू-कश्मीर

आतंकी यासीन मलिक की पत्नी मुशाल मलिक ने राहुल गाँधी को लिखा पत्र, जेल में बंद किए जाने का मामला संसद में उठाएं

Published

on

Loading

नई दिल्ली। वायुसैनिकों की हत्या और आतंक के मामले में जेल में बंद JKLF के आतंकी सरगना यासीन मलिक की पत्नी मुशाल मलिक ने कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी को पत्र लिखा है। मुशाल मलिक ने राहुल गाँधी से अपील की है कि वह आतंकी यासीन के जेल में बंद किए जाने को संसद में उठाएँ।

मुशाल मलिक ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार मलिक पर ज्यादती कर रही है। मुशाल मलिक ने राहुल गाँधी से अपना राजनीतिक प्रभाव उपयोग करने की अपील की है। मुशाल ने कहा है कि राहुल गाँधी के मुद्दा उठाने के बाद यासीन मलिक कश्मीर में शान्ति ला सकता है।

गौरतलब है कि मुशाल मलिक पाकिस्तान की सरकार में सलाहकार रह चुकी है। यासीन मलिक UPA सरकार के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ दिखता था और गांधीवाद पर बात करता था। वर्तमान में वह वायुसैनिकों की हत्या समेत टेरर फंडिंग और बाकी मामलों में जेल में बंद है।

कोर्ट ने मलिक को दी है उम्रकैद की सजा

2022 में एक निचली अदालत ने यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। मुशाल ने चिट्ठी में लिखा, ‘मलिक जेल में अमानवीय व्यवहार के विरोध में 2 नवंबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर है। यह भूख हड़ताल मलिक के स्वास्थ्य पर और खतरनाक असर डालेगी। यह उस शख्स के जीवन को खतरे में डाल देगी, जिसने हथियार छोड़कर अहिंसा की राह पर चलने का विकल्प चुना है।’ मुशाल ने आरोप लगाया कि बीजेपी की सरकार 2019 से मलिक को ‘सभी अकल्पनीय तरीकों से’ प्रताड़ित कर रही है।

Continue Reading

Trending