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रेलवे के नोटिस पर भाजपा नेता ने दी आत्महत्या की धमकी

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लखनऊ| उत्तर प्रदेश में आगरा जिले से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के लिए ट्रेन बुक कराना महंगा पड़ गया। भारतीय रेलवे लगातार विनोद सामरिया को पैसे जमा कराने के लिए नोटिस भेज रहा है, जिससे तंग आकर उन्होंने आत्महत्या करने की धमदी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2014 में हुई लखनऊ रैली में कार्यकतरओ को ले जाने के लिए भाजपा नेता विनोद सामरिया ने पूरी एक ट्रेन बुक कराई थी।

भाजपा नेता विनोद ने बताया कि उन्होंने इस मसले पर पार्टी के शीर्ष नेताओं से बात की है और उन्हें सहयोग का आश्वासन भी मिला है।
विनोद ने कहा, “इस मुद्दे को लेकर मैंने प्रदेश के अलावा दिल्ली के कई नेताओं से बात की थी। पैसा जमा कराने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी, रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा तथा रेल मंत्री सुरेश प्रभु को भी पत्र लिखा था। पार्टी ने आश्वासन दिया था कि वह पैसा पार्टी जमा करेगी, लेकिन यह नोटिस व्यक्तिगत तौर पर मुझे ही भेजा गया है।”

विनोद का कहना है कि यदि रेलवे व्यक्तिगत तौर पर इसकी वसूली करेगा तो वह आत्महत्या कर लेंगे। ज्ञात हो कि भाजपा नेता विनोद सामरिया वर्ष 2014 में आगरा की भाजपा ईकाई के जिलाध्यक्ष थे। उन्होंने उस समय 18 लाख 39 हजार 560 रुपये जमा भी करवाए थे। अब भारतीय रेलवे की तरफ से विनोद को 30 लाख 68 हजार 950 रुपये जमा कराने का नोटिस भेजा गया है।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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