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हेल्थ

ब्लैक कॉफी रोजाना पीएं, लिवर रहेगा दुरुस्त

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ब्लैक कॉफी रोजाना पीएं, लिवर रहेगा दुरुस्त

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ब्लैक कॉफी रोजाना पीएं, लिवर रहेगा दुरुस्त

ईशा शर्मा

नई दिल्ली| अगर आप भी कॉफी पीना पसंद करते हैं तो यह खबर पढ़कर एक कप और कॉफी पी लें, क्योंकि स्वास्थ्य विशेषों का कहना है कि दो से तीन कप कॉफी बिना दूध या चीनी मिलाए पीने से लिवर संबधी रोग का खतरा कम हो जाता है, जिसमें लिवर का कैंसर भी शामिल है।

जो लोग रोजाना दो कप से ज्यादा कॉफी पीते हैं, अगर उन्हें पहले से लीवर संबंधी कोई बीमारी है तो उसमें भी फायदा होता है। यहां तक कि यह कैंसर को पनपने से भी रोकता है और मृत्यु दर में भी कमी आती है।

राजधानी के फोर्टिस एस्कार्टस लीवर एंड डायजेस्टिव डिजिज संस्थान के सीनीयर कंसल्टेंट डॉ. मानव वर्धवान बताते हैं, “कॉफी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है और इसका फायदा कई रोगों में काम आता है। हृदय रोग से लेकर टाइप 2 मधुमेह और पार्किसन रोग से भी कॉफी पीने से बचाव होता है।”

वर्धवान सलाह देते हैं, “कॉफी बिना चीनी के पीनी चाहिए। अगर आप चीनी मिलाते हैं तो यह कैफीन के असर को कम कर देता है। साथ ही या तो बेहद कम दूध डालें या बिना दूध की कॉफी पीएं।”

कॉफी में पाए जानेवाले विभिन्न तत्व लिवर पर अच्छा असर डालते हैं। इन तत्वों में कैफीन, कॉफी का तेल कहवोयल, कैफेस्टोल और कॉफी बीन में पाए जानेवाले एंटीआक्सीडेंट पदार्थ हैं।

सरोज सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के सीनीयर कंसलटेंट (गैस्ट्रोइंटरोलॉजी) डॉ. रमेश गर्ग बताते हैं, “एपीडेमियोलॉजिकल अध्ययन में दृढ़ता से यह सुझाव दिया गया है कि रोजाना लगभग तीन कप कॉफी पीने से लीवर के नुकसान का खतरा घट जाता है जो इटियोलॉजिकल एजेंट के एक किस्म की वजह से होता है।”

गर्ग सलाह देते हैं, “कॉफी उन लोगों के लिए भी सुरक्षित है जो लिवर की बीमारी से जूझ रहे हैं। लेकिन यह समझना चाहिए कि संयम एक कुंजी है और डॉक्टर की सलाह से ही इसे लेना चाहिए।”

इटली के शोधकर्ताओं के एक दल ने इस महीने निष्कर्ष निकाला था कि 5-6 कप रोजाना कॉफी पीने से नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर डिजिज (एनएएफएलडी) से बचाव होता है।

इटली के नापोली विश्वविद्यालय के विंसेंजो लेंबो का कहना है, “पूर्व के शोधों से इसकी पुष्टि होती है कि कैफीन एनएएफएलडी के नुकसान की भरपाई करता है, लेकिन आंतों की गड़बड़ियों को भी कैफीन ठीक करता है। इसका पता पहली बार चला है।”

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दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी

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नई दिल्ली। दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी का क्रम लगातार जारी है. अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में अकेले डेंगू के मरीजों में भारी संख्या में इजाफे की सूचना है. दिल्ली नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 में डेंगू के अब तक 4533 मरीज सामने आए हैं. इनमें 472 मरीज नवंबर माह के भी शामिल हैं.

एमसीडी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में इस साल अब तक मलेरिया के 728 और चिकनगुनिया के 172 केस दर्ज हुए हैं.

डेंगू एक गंभीर वायरल संक्रमण है, जो एडीज़ मच्छर के काटने से फैलता है। इसके होने से मरीज को शरीर में कमजोरी लगने लगती है और प्लेटलेट्स डाउन होने लगते हैं। एक आम इंसान के शरीर में 3 से 4 लाख प्लेटलेट्स होते हैं। डेंगू से ये प्लेटलेट्स गिरते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि 10 हजार प्लेटलेट्स बचने पर मरीज बेचैन होने लगता है। ऐसे में लगातार मॉनीटरिंग जरूरी है।

डॉक्टरों के अनुसार, डेंगू के मरीज को विटामिन सी से भरपूर फल खिलाना सबसे लाभकारी माना जाता है। इस दौरान कीवी, नाशपाती और अन्य विटामिन सी से भरपूर फ्रूट्स खिलाने चाहिए। इसके अलावा मरीज को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट देना चाहिए। इस दौरान मरीज को नारियल पानी भी पिलाना चाहिए। मरीज को ताजा घर का बना सूप और जूस दे सकते हैं।

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