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BrThdy SpcIal: सिर्फ 30 रूपए में हुई थी जगजीत सिंह की शादी, मौत से ग़मगीन हो गई थी गज़ल की दुनिया

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नई दिल्ली| गजल गायकी के बादशाह कहे जाने वाले जगजीत सिंह 6 साल से हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी मखमली आवाज के लोग आज भी दिवाने हैं। जगजीत सिंह का नाम लोकप्रिय गजल गायकों में शुमार है। गजलों को आम आदमी के बीच लोकप्रिय बनाने का श्रेय किसी को दिया जाना हो, तो जगजीत सिंह का ही नाम आता है। जगजीत का जन्म 8 फरवरी, 1941 को राजस्थान के गंगानगर में हुआ था। इनके पिता सरदार अमर सिंह धमानी भारत सरकार के कर्मचारी थे। जगजीत का परिवार पंजाब के रोपड़ में बसता था। इनकी मां का नाम बच्चन कौर था। जगजीत के बचपन का नाम जीत था, लेकिन अपनी मधुर आवाज से लोगों के दिल में उतरने वाले जीत कुछ ही दशकों में जग को जीतने वाले यानी जगजीत बन गए।

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जगजीत ने अपनी शुरुआती पढ़ाई गंगानगर के खालसा स्कूल से की और इसके बाद वह जालंधर चले गए। डीएवी कॉलेज से स्नातक की डिग्री लेने के बाद उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविधालय से इतिहास में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। अपने पुराने दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा था कि पढ़ाई में दिलचस्पी नहीं थी, जिस कारण कुछ कक्षाओं में दो-दो साल तक भी रहना पड़ा।

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जगजीत ने एक बार खुद स्वीकार किया था कि जालंधर में पढ़ाई के दिनों में वह डीएवी गर्ल्स कॉलेज के आस-पास चक्कर लगाया करते थे। पिता की इजाजत के बगैर फिल्में देखना और टॉकिज के गेट पर गेटकीपर को एक घूंसा देकर हॉल में घुसना उनकी आदत थी।

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संगीत उन्हें बचपन में ही पिता से विरासत में मिला था। जगजीत ने गंगानगर में पंडित छगन लाल शर्मा के सान्निध्य में दो साल तक शास्त्रीय संगीत सीखने की शुरुआत की। इसके बाद जगजीत ने जमाल खान साहब से ख्याल, ठुमरी और ध्रुपद की बारीकियां सीखीं।

उनके पिता चाहते थे कि उनका बेटा भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में जाए, लेकिन जगजीत पर गायकी की धुन सवार थी। कुरुक्षेत्र में पढ़ाई के दौरान कुलपति सूरजभान ने जगजीत की संगीत में लगन देख उन्हें बहुत प्रेरित किया और उनके कहने पर वह 1965 में मुंबई आ गए। मुंबई में यह विज्ञापनों में जिंगल्स और शादी में गाकर रोजी-रोटी की जुगाड़ करते थे।

वहीं 1967 में इनकी मुलाकात चित्रा जी से हुई और दो साल साथ रहने के बाद दोनों ने 1969 शादी कर ली। 1970 में चित्रा के पति देबू ने दूसरी शादी कर ली थी. उन्हें एक बेटी भी हो गई थी. जगजीत देबू के पास गए और कहा, मैं चित्रा से शादी करना चाहता हूं।  जब इजाजत मिली तो शादी की घड़ी आई। इस शादी का खर्च महज 30 रुपये आया था।  तबला प्लेयर हरीश ने पुजारी का इंतजाम किया था और गजल सिंगर भूपिंदर सिंह दो माला और मिठाई लाए थे।

Chithi Na Koi Sandeshजगजीत पाश्र्वगायन का सपना लेकर फिल्मी दुनिया में आए थे। तब लोग तलत महमूद, मोहम्मद रफी के गीतों को पसंद करते थे। 1976 में जगजीत सिंह ने अपनी पहली हिट अलबम ‘द अनफॉरगेटेबल्स’ रिलीज किया। 

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जगजीत सिंह ने गजलों को फिल्मी गानों की तरह गाना शुरू किया, उसके बाद आम-आदमी ने गजलों में दिलचस्पी दिखानी शुरू की। लेकिन जगजीत सिंह की यह बदलाव गजल के शुद्धतावादियों को रास नहीं आया और जगजीत पर आरोप भी लगाया गया था कि उन्होंने गजल की शुद्धता के साथ छेड़छाड़ की है।

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सन् 1981 में जगजीत नें रमन कुमार द्वारा निर्देशित फिल्म ‘प्रेमगीत’ और 1982 में महेश भट्ट की फिल्म ‘अर्थ’ से फिल्मों में गाना शुरू किया और इन दो फिल्मों के गाने लोगों की जुबान पर चढ़ गए, लेकिन इसके बाद से जगजीत फिल्मों में हिट संगीत देने में नाकामयाब रहे।

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जगजीत अपने गायकी के सफर में अनेक विवादों में भी रहे थे। अपने संघर्ष के दिनों में इतने टूट गए थे कि इन्होंने कई प्लेबैक सिंगरों पर तीखी टिप्पणी कर दी थी।

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इसके बाद जगजीत ने राजनीति में भी अपनी दिलचस्पी दिखानी शुरू की। उनके हिट गानों में ‘होठों से छू लो तुम मेरा गीत अमर कर दो’, ‘ओ मां तुझे सलाम’, ‘ये तेरा घर, ये मेरा घर’, ‘होशवालों को खबर क्या बेखुदी क्या चीज है’, ‘हाथ छूटे भी तो रिश्ते छूटा नहीं करते’, ‘कोई फरियाद तेरे दिल में दबी हो जैसे’ और ‘मेरी आंखों ने चुना है तुझको दुनिया देखकर’ आदि सम्मिलित है।

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जगजीत गजल गायकी के शौक के अलावा रेसकोर्स में घुड़दौड़ का शौक भी करते थे। इसी तरह लॉस वेगास के कसीनो भी जगजीत को खूब भाते थे।

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जगजीत ही पहले गायक थे, जिन्होंने चित्रा जी के साथ लंदन में पहली बार ‘डिजिटल रिकॉर्डिग’ करते हुए ‘बियांड टाइम’ अलबम जारी किया। उन्होंने क्लासिकी शायरी के अलावा साधारण शब्दों में ढली आम-आदमी की जिंदगी को भी सुर दिए।

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23 सितंबर, 2011 को ब्रेन हैमरेज होने के कारण जगजीत को मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया और 10 अक्टूबर, 2011 की सुबह 8 बजे वहीं उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।

 

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SAMAY RAINA : कौन हैं समय रैना, दीपिका पादुकोण को लेकर कही ऐसी बात, हो गया विवाद

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मुंबई। समय रैना के शो टैलेंट शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ फिलहाल काफी विवादों में घिरा हुआ नजर आ रहा है. इसकी वजह ये है कि इस शो पर दीपिका पादुकोण की प्रेग्नेंसी और उनके डिप्रेशन का मजाक बनाया गया है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. दीपिका के फैन्स इस वीडियो को देखने के बाद काफी नाराज नजर आ रहे हैं और सभी इस शो की खूब आलोचना भी कर रहे हैं. समय रैना वायरल क्लिप में कहते हैं दीपिका पादुकोण हाल ही में मां बनी हैं. बढ़िया, अब उन्हें आसानी से समझ आएगा कि डिप्रेशन असल में कैसा होता है. उनके इस कमेंट के बाद हंगामा मचा हुआ है.

कौन हैं समय रैना?

समय रैन ‘कश्मीरी’ स्टैंडअप कॉमेडियन हैं, जो इन दिनों अपने डार्क, ‘वेरी डार्क’ और विवादित शो इंडियाज गॉट लेटेंट के चलते सुर्खियों में हैं. समय रैना ने अपने दोस्तों के साथ इंफ्लूएंसर नेटवर्क का सहारा लेते हुए यूट्यूब पर शतरंज के खेल की स्ट्रीमिंग शुरू की थी, लेकिन बाद में उन्होंने स्टैंडअप करना शुरू किया कर दिया. अपने हंसाने के तरीके के चलते समय मशहूर होने लगे. समय रैना एक टैलेंटेड शतरंज प्लेयर भी हैं.

समय ने हैदराबाद में अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की. इसके बाद समय महाराष्ट्र चले गए और प्रिंट इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए पुणे से की. फिलहाल समय रैना फुल टाइम कॉमेडी कर रहे हैं. इंस्टाग्राम पर समय रैना के 3.7 मिलियन फॉलोअर्स हैं. यूट्यूब पर उनके 4.46 मिलियन सब्सक्राइबर्स हैं. इन्फ़्लुएंसर आयुष्मान पंडिता ने अपने एक वीडियो में बताया समय की कमाई का खुलासा करते हुए कहा था कि रैना हर महीने लगभग 1.5 करोड़ रुपये कैसे कमा रहे हैं. हालांकि उन्होंने इसे बस अपना अनुमान भी बताया था.

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