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ऑफ़बीट

सुरीली आवाज़ की मल्लिका बुलबुल चिड़िया लड़ाकू भी बड़ी है, तस्वीरों में देखें

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बुलबुल का नाम लेते ही इसकी मीठी आवाज सामने आ जाती है। आपकी जानकारी के लिए बताते हैं कि सिर्फ नर बुलबुल ही गाता है, मादा बुलबुल नहीं गा पाती है। शौकीन मिजाज लोग बुलबुल को इसकी लड़ने की आदत की वजह से भी पालते हैं। बुलबुल कीड़े-मकोड़े और फल— फूल खानेवाले पक्षी होते हैं।
दुनिया में बुलबुल की कुल 9700 प्रजातियां पाई जाती हैं। भारत में भी कई प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें “गुलदुम बुलबुल” सबसे प्रसिद्ध है। इसे लोग लड़ाने के लिए पालते हैं और पिंजरे में नहीं, बल्कि लोहे के एक चक्कस पर बिठाए रहते हैं। इनके पेट में एक पेटी बांध दी जाती है, जो एक लंबी डोरी के सहारे चक्कस में बँधी रहती है।

सुरीली आवाज़ की मल्लिका बुलबुल चिड़िया लड़ाकू भी बड़ी है, तस्वीरों में देखें

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उत्तर प्रदेश

संभल में 46 साल बाद खुले मंदिर के कुएं से निकली माता पार्वती की खंडित मूर्ति

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चला रहे प्रशासन को बीते दिनों करीब 46 साल से बंद पड़ा मंदिर मिला था। यह मंदिर उसी इलाके में है, जहां हिंसा हुई थी और लंबे समय से बंद था। इस हिंदू मंदिर में पहले महादेव की मूर्ति निकली।

उसके बाद मंदिर के प्रांगण में स्थित कुएं की खुदाई की गई। इसके बाद इस मंदिर से मां पार्वती की खंडित प्रतिमा बरामद की गई है। फिलहाल पुलिस ने इस प्रतिमा को अपने कब्जे में ले लिया है और जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। हालातों को देखते हुए इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है।

बता दें कि संभल के नखासा थाना इलाके के मोहल्ला ख़ग्गू सराय में स्थित शिव मंदिर के कपाट खुलने के बाद खुद पुलिसकर्मियों ने मूर्तियों की सफाई की थी। इस दौरान हर-हर महादेव के जयकारों से पूरा आसमान गूंज उठा था। 46 साल बाद खुले मंदिर में पूजा शुरू कर दी गई है। आज भी बड़ी संख्या में भक्त जलाभिषेक करने पहुंचे थे।

ये शिव मंदिर सपा सांसद ज़ियाउर्रहमान बर्क के घर से कुछ ही दूरी पर स्थित है। इस शिव मंदिर पर प्राचीन महादेव मंदिर लिख दिया गया है और मंदिर परिसर में मिले कुएं की खुदाई भी की जा रही है।

बताया जा रहा है कि प्रशासन अब इस मंदिर की कार्बन डेटिंग कराएगा. इसके लिए जिला प्रशासन ने भस्म शंकर मंदिर, शिवलिंग और वहां मिले कुएं की कार्बन डेटिंग कराने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को एक पत्र लिखा है. इस जांच के जरिए प्रशासन इस बात की जानकारी प्राप्त करेगा कि ये मंदिर और इसकी मूर्ति कितनी पुरानी हैं.

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