Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

कब आएंगे बुंदेलखंड के अच्छे दिन?

Published

on

Loading

लखनऊ। दिन महीने और साल दर साल गुजरते चले जा रहे हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड के किसानों के ‘अच्छे दिन’ आने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। एक दशक से कभी ओला कभी अतिवृष्टि तो कभी सूखा की मार झेलते-झेलते यहां का किसान अपने दुर्भाग्य पर आंसू बहाने पर विवश हो गया है। हालत ये हैं कि बुंदेलखंड में सातों जनपदों- बांदा, चित्रकूट, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी और ललितपुर का हर किसान घर की चौखट पर बैठकर यही सोचता है कि उनके भी कभी अच्छे दिन आएंगे या नहीं या फिर भीषण महंगाई, कर्ज और आर्थिक संकट के बोझ के तले यूं ही तड़पते रहना पड़ेगा।

बुंदेलखंड के 80 वर्षीय किसान गजोधर का कहना है कि संसाधनांे की कमी से बुंदेलखंड सदैव से कृषि के क्षेत्र में फिसड्डी रहा है। पहले सिंचाई की व्यवस्था नहीं थी, नलकूपों की कमी थी तो किसान मानसूनी वर्षा के आधार पर फसल उगाता था और उससे जो कुछ भी हासिल होता था परिवार का भरण पोषण करता था।

कम उत्पादन के कारण किसानों को आगे बढ़ने का अवसर कभी नहीं मिल पाया। अब जब नलकूप भी है नहरे भी हैं तो सिंचाई खाद बीज, जुताई, बुवाई कटाई का खर्च इतना बढ़ गया है कि उत्पादन का आधा भाग इसी में चला जाता है तो वहां के किसानों के जो हाल पहले थे, वही आज भी हैं।

एक अन्य किसान सेवालाल कहते हैं कि पहले तो कुछ गनीमत थी, लेकिन एक दशक से प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसान उत्पादन के नाम पर कुछ भी हासिल नहीं कर पा रहा है। वह टूटता चला जा रहा है।

कई किसान आर्थिक संकट का सदमा बर्दाश्त न कर पाने से काल के गाल मंे समा चुके हैं, यह सिलसिला अभी भी जारी है।

किसान हरिशंकर ने बताया कि बुंदेलखंड के किसानों का दुर्भाग्य है कि उन्हें सम्हलने का अवसर ही नसीब नहीं है। किसान उमेश सिंह परिहार का कहना है कि सालों से अच्छी फसल न होने से यहां किसानों की बुरी दशा है। थोड़ा बहुत जो हासिल होता है, वह बैंक का ऋण चुकाने बीमारी, शादी-विवाह में खर्च हो जाता है। खर्च को कुछ नहीं बचता तो किसानों की संताने अच्छी शिक्षा नहीं ग्रहण कर पाती। रोजगार के अवसर भी नहीं मिल पाते।

उजनेड़ी के किसान नरेंद्र वीर सिंह चौहान का कहना है कि सोचा था कि केंद्र में भाजपा सरकार आने के बाद किसानों के भी अच्छे दिन आएंगे, क्योंकि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महोबा की जनसभा में कहा था कि जिस तरह प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत हर गांव को सड़क से जोड़ा गया, उसी तरह हर खेत को पानी तथा हर किसान को फसल की भरपूर लागत उपलब्ध कराने का काम भाजपा करेगी। इसके बावजूद हालात इस कदर खराब हैं कि बुंदेलखंड का किसान सूखे की चपेट आ गया है, लेकिन केंद्र का हो या प्रदेश का सरकारी अनुदान, कुछ नहीं मिल पा रहा है। ऐसी हालत में किसानों का हाल आगे क्या होगा, कहना कठिन है।

किसान राकेश त्रिपाठी का कहना है कि सरकारों के भरोसे यहां का किसान कुछ भी हासिल नहीं कर पाएगा, क्योंकि किसानों की सुनने वाला कोई नहीं है।

वहीं, छानी के किसान रामकुमार का कहना है कि बुंदेलखंड के किसान हमेशा से उपेक्षित रहे हैं और आज भी हैं। उनकी समस्याओं को हमेशा नजरअंदाज किया जाता है, शोषण अलग से होता है। ऐसी दशा मंे किसानों के अच्छे दिन आने का सवाल ही नहीं उठता।

कुल मिलाकर शासन-प्रशासन, जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा तथा प्राकृतिक आपदाओं से यहां का किसान एकदम हताश व निराश हो चुका है। यदि समय रहते प्रदेश व केंद्र की सरकारों ने गौर नहीं किया तो हालत दिन-प्रतिदिन खराब होती चली जाएगी।

अन्य राज्य

हेयर ड्रायर चालू करते ही ब्लास्ट, महिला का दोनों हाथ बुरी तरह घायल

Published

on

Loading

बागलकोट। कर्नाटक के बागलकोट जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक हेयर ड्रायर के धमाके में एक महिला के हाथों की हथेलियां और उंगलियां बुरी तरह से घायल हो गईं। यह हादसा इल्कल शहर में हुआ, जहां मृतक सैनिक की पत्नी ने अपने पड़ोसी का कूरियर पार्सल लिया था। जब महिला ने हेयर ड्रायर को चालू किया, तो वह धमाके से फट गया और महिला की दोनों हाथों की गंभीर चोटें आईं। महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों को मजबूरी में उसके हाथ काटने पड़े।

हेयर ड्रायर में धमका, महिला की उड़ी उंगलियां

बता दें कि इस घटना के बाद महिला को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना 15 नवंबर की है, जिसकी जानकारी बुधवार को सामने आई। पुलिस सूत्रों ने कहा कि घायल महिला की पहचान 37 वर्षीय बसवराजेश्वरी यरनाल के रूप में हुई है, जो पूर्व सैन्यकर्मी पापन्ना यरनाल की पत्नी थी। जिनकी 2017 में जम्मू और कश्मीर में मौत हो गई थी। जांच अधिकारियों के मुताबिक, विस्फोट बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण हुआ था। हेयर ड्रायर जैसे उपकरणों का उपयोग करने के लिए 2 वॉट के विद्युत कनेक्शन की आवश्यकता होती है। जिस स्विच में हेयर ड्रायर को डाला गया, तो उसकी क्षमता इतनी अधिक नहीं थी, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई। विस्फोट की आवाज सुनकर कुछ पड़ोसी दौड़े और उन्होंने बसवराजेश्वरी की हथेलियां और उंगलियां कटी हुई पाईं। उन्हें तुरंत पास के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। हालांकि शशिकला ने दावा किया कि उन्होंने ऑनलाइन कोई उत्पाद नहीं मंगवाया था

Continue Reading

Trending