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उत्तराखंड

सौभाग्य योजना में उत्तराखंड सरकार ने 55 हज़ार घरों को दिया बिजली कनेक्शन

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उत्तराखंड सरकार ने इस वर्ष के अंत तक राज्य के हर एक घर में बिजली पहुंचाने की कार्ययोजना बनाई है। इस पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को सचिवालय में ऊर्जा विभाग के अन्तर्गत केन्द्र सरकार की प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों की समीक्षा की।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सौभाग्य योजना और दीन दयाल ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के लिए सप्ताह और हर महीने का लक्ष्य निर्धारित करने के निर्देश दिए।

”बिजली से वंचित घरों को बिजली प्रदान करने के लिए माइक्रो लेवल तक प्लानिंग की जाए। हर हालत में सौभाग्य योजना और ग्रामीण विद्युतीकरण योजना से विद्युत वंचित घरों को दिसंबर तक बिजली देनी है।” मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा।

मुख्यमंत्री ने बैठक में उत्तराखंड में बिजली चोरी की घटनाओं में और अधिक कमी लाने की बात कही। बिजली की दिक्कतों की समीक्षा करने के लिए ब्लाॅक व जिलावार लिस्ट बनाकर प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

बिजली चोरी की घटनाओं में लगेगी लगाम।

इस बैठक में मौजूद भारत सरकार के संयुक्त सचिव एके वर्मा ने बताया कि उत्तराखंड सरकार द्वारा विद्युत आपूर्ति सुधार के कदमों को केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने बेस्ट प्रैक्टिसेज का दर्जा दिया है। राज्य में बिजली आपूर्ति बाधित होने और सुचारू होने की नियमित माॅनिटरिंग और इसे विभागीय अधिकारियों की चरित्र पंजिका में दर्ज करने की व्यवस्था है।

उत्तराखंड में सौभाग्य योजना के अन्तर्गत कुल 3.1 लाख घरों तक बिजली पहुंचाए जाने का लक्ष्य रखा गया है।  इन घरों के लिए कुल 172 करोड़ रूपए की डीपीआर केन्द्र सरकार को भेज दी गई है। इसके अलावा सरकार से अभी तक मिली धनराशि 13.88 करोड़ रुपए की मदद से लगभग 55 हज़ार घरों को नया बिजली कनेक्शन दे दिया गया है।

” बीते वर्ष की तुलना में इस वर्ष शहरी क्षेत्रों की विद्युत आपूर्ति में 25 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 15 प्रतिशत सुधार हुआ है। वर्ष से वर्ष की तुलना के आधार पर ऊर्जा विभाग ने गत वर्ष की तुलना में 236 करोड़ रूपए अधिक राजस्व अर्जित किया है। विद्युत हानियों में लगातार गिरावट आ रही है और आने वाले समय में और अधिक सुधार होगा।” सचिव ऊर्जा श्रीमती राधिका झा ने बताया।

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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