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प्रादेशिक

उप्र : कॉल ड्रॉप पर जिलाधिकारी सख्त, कंपनियों को दी चेतावनी

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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के जिलाधिकारी राजशेखर, कॉल ड्रॉप पर जिलाधिकारी सख्त, कंपनियों को दी चेतावनी

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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के जिलाधिकारी राजशेखर, कॉल ड्रॉप पर जिलाधिकारी सख्त, कंपनियों को दी चेतावनी

लखनऊ| उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के जिलाधिकारी राजशेखर ने कॉल ड्राप और कमजोर कनेक्टिविटी को लेकर सभी मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों को फटकार लगाई और इस समस्या को दूर करने की चेतावनी दी। जिलाधिकारी ने शुक्रवार को मोबाइल व डाटा सेवा में सुधार के लिए दो महीने का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि यदि आपदा प्रबंधन में कमजोर सिगनल के कारण बाधा पहुंची तो जुर्माना के साथ-साथ जेल भी जाना पड़ सकता है। इस संबंध में जिलाधिकारी राजशेखर ने बीएसएनएल, वोडाफोन, एयरटेल, टेलीनर, आइडिया, एयरसेल व रिलायंस कंपनियों के क्षेत्रीय प्रबंधकों व मुख्य तकनीकी अधिकारियों को नोटिस जारी किया है।

नोटिस में कहा गया है कि बीते छह माह से लगातार नेटवर्क सेवा बेहतर बनाने के निर्देश के बावजूद जिले के 32 लाख से अधिक मोबाइल उपभोक्ताओं को कॉल ड्राप, कमजोर कनेक्टिविटी सिगनल, खराब वायस क्लाविटी और मनचाही इंटरनेट डाटा बेस सेवा की परेशानी झेलनी पड़ रही है। इससे मोबाइल उपभोक्ताओं के साथ-साथ कानून व्यवस्था व आपदा प्रबंधन से जुड़े अहम कार्यो के क्रियान्वयन व संचालन भी प्रभावित हो रहे हैं।  जिलाधिकारी ने कहा कि बेहतर मोबाइल व डाटा बेस सेवा के लिए ग्राहकों से मनचाहा शुल्क वसूलने वाली मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियां जेब हल्की करने में सबसे आगे और बेहतर सेवा देने में फिसड्डी साबित हो रही हैं।

प्राकृतिक आपदा के समय राहत व बचाव कार्य के दौरान मोबाइल फोन व इंटरनेट सेवा की अहम भूमिका होती है। कानून एवं शांति व्यवस्था कायम रखने में भी मोबाइल सेवा महत्वपूर्ण आवश्यकता बन गई है। गौरतलब है कि राजधानी में 11़5 लाख बीएसएनएल ग्राहक हैं, जबकि 20़5 लाख ग्राहक अन्य निजी मोबाइल अपरेटरों के नेटवर्क से जुड़े हैं। कॉल ड्राप की समस्या अक्सर एक मोबाइल ऑपरेटर के नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क पर कॉल करने के दौरान होती है। मोबाइल क्षेत्र से जुड़े एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने बताया कि टावर से सिगनल की फ्रिक्वेंसी घटा-बढ़ाकर कॉल ड्राप का खेल होता है। अधिकांश टावर के सिगनल कमजोर करने का यह खेल मोबाइल नेटवर्क की व्यस्त अवधि सुबह नौ से 10.30 बजे और शाम चार से छह बजे के बीच ज्यादा किया जाता है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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