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उत्तराखंड

तीर्थयात्रियों को मिलेंगे प्रसाद में चौलाई के लड्डू

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चारधाम यात्रा के तीर्थयात्रियों, प्रसाद में चौलाई के लड्डू, सीएम हरीश रावत, गौरीकुण्ड से केदारनाथ मार्ग

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चारधाम यात्रा के तीर्थयात्रियों, प्रसाद में चौलाई के लड्डू, सीएम हरीश रावत, गौरीकुण्ड से केदारनाथ मार्ग

CM Yatra Samiksha Meeting

देहरादून। चारधाम यात्रा के दौरान इस बार श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में चौलाई के लड्डू भी दिए जाएं। इस आशय का फैसला सीएम रावत ने चारधाम यात्रा को लेकर आयोजित बैठक में लिया गया। सीएम रावत ने आदेश दिये हैं कि वीआईपी मूवमेंट के कारण आम श्रद्धालुओं को दर्शन से न रोका जाए। गौरीकुण्ड से केदारनाथ मार्ग पर 1000 से 1500 तक अतिरिक्त लोगों के रुकने की पुख्ता व्यवस्था जल्द से जल्द की जाए। इनमें 1-2 रैन बसेरे भी बनाए जाएं। घोड़ा, खच्चर, पालकी वालों की संख्या बढ़ाई जाए। सुलभ के 50 अतिरिक्त शौचालय निर्मित किए जाएं। यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि केदारनाथ मार्ग पर पीने के पानी, बिजली, चिकित्सा सुविधाओं में कोई कमी न रहे। सोमवार को सचिवालय में केदारनाथ व हेमकुण्ट साहिब यात्रा की व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उक्त निर्देश दिए।

तीर्थयात्रियों से लिया था फीडबैक

रविवार को ही मुख्यमंत्री रावत ने श्री केदारनाथ धाम के दर्शन करने के साथ ही वहां आए श्रद्धालुओं से उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं के बारे में फीडबैक लिया था और सभी व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया था। अगले ही दिन आज अधिकारियों की बैठक बुला कर मुख्यमंत्री ने सामने आई कमियों के बारे में अधिकारियों को अवगत कराते हुए इन कमियों को जल्द से जल्द दुरुस्त करने के निर्देश दिए। ।

कार्मिकों का बढ़ सकता है डीए

मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि चारधाम यात्रा में ड्यूटी कर रहे कार्मिकों का वास्तविक खर्च उन्हें मिल रहे डीए की तुलना में कहीं अधिक है। मुख्य सचिव इसका कोई हल निकालें ताकि दुर्गम परिस्थितियों में कर्तव्य निर्वहन करने वाले कार्मिकों पर अतिरिक्त खर्च का बोझ न आए। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि श्रद्धालुओं की अधिक संख्या को देखते हुए आवासों की संख्या को तत्काल बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने जीएमवीएन को लगभग 500 श्रद्धालुओं के लिए जबकि पुलिस विभाग को लगभग 700 श्रद्धालुओं के लिए अतिरिक्त टैंट लगाए जाने के निर्देश दिए। घोड़ा, खच्चर, पालकी वालों की संख्या बढ़ाए जाने की भी जरूरत है। सुलभ केदारनाथ मार्ग पर 50 अतिरिक्त शौचालय तैयार करे।

पुलिसकर्मियों का संख्याबल बढ़ेगा

मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ानी होगी। एसडीआरएफ को और मजबूत किया जाए। जीएमवीएन भेजन की गुणवत्‍ता में सुधार लाए। बसों की संख्या भी बढ़ाई जाए। रजिस्ट्रेशन काउंटरों पर मेनपावर भी बढ़ाई जाए। जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग आज की बैठक में दिए गए निर्देशों की अनुपालन की रिपोर्ट मुख्य सचिव को करेंगे व चार-पांच दिनों में दुबारा समीक्षा की जाएगी। बताया गया कि वर्तमान में गौरीकुण्ड से केदारनाथ के बीच 59 फंक्शनल पानी की टंकियां हैं। बिजली के लिए 8 अतिरिक्त ट्रांसफार्मर भिजवा दिए गए हैं। चारधाम यात्रा के लिए 65 विशेषज्ञ चिकित्सक, 54 चिकित्साधिकारी सहित फार्मासिस्ट व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को अतिरिक्त रूप से रोटेशन आधार पर तैनात किया गया है। बैठक में केबिनेट मंत्री दिनेश धनै, प्रीतम सिंह पंवार, हेमकुंड साहिब ट्रस्ट के उपाध्यक्ष नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा, मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह सहित अन्य अधिकारी जबकि वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी राघव लंगर व अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

 

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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