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उत्तराखंड

VIDEO : नदी को बचाने के लिए एक मुख्यमंत्री की पहल

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रिस्पना नदी को फिर से नया जीवन देने की शुरूआत हो चुकी है। उत्तराखंड सरकार के कहने पर आज देहरादून में अलग-अलग संगठनों के हज़ारों वॉलेंटियर पौधारोपण कार्य में जुट गए हैं। उनका साथ देने के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी उसका सहयोग करने पहुंच गए हैं।

मिशन रिस्पना को लेकर मुख्यमंत्री ने अपने ट्विटर एकाउंट पर लोगों से की अपील। मुख्यमंत्री ने कहा,” आज मैंने के लिए वृक्षरोपण किया- मेरा मानना है कि इस कार्यक्रम की सफलता में सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी जनता की रहेगी। सरकार संसाधन की कमी नहीं होने देगी। संसाधन सरकार के होंगे, और हाथ जनता के, रिस्पना को ऋषिपर्णा बनाने के लिए आप सभी के सहयोग की अपील करता हूँ ।

पौधारोपण कार्यक्रम में अलग अलग शिक्षण संस्थानों से वॉलेंटियर, एनजीओ, गैर सरकारी संगठन, सेना, केंद्रीय संस्थानों, अलग अलग केंद्रीय संस्थान, पैरा मिलिट्री फोर्स के जवान और अलग अलग विभागों के कर्मचारियों की मदद से ये गढ्ढे बनाए जा रहे हैं।

बच्चों का उत्साह बढ़ाते मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत।

इन दो लाख गढ्ढों में 2 लाख पौधे लगाए जाने हैं। रिस्पना नदी के उद्गम से लेकर संगम तक ये पौधारोपण हो रहा है। प्रशासन द्वारा इसकी तैयारी कर दी गई हैं।

उत्तराखंड के 39 ब्लॉकों में सेक्टर अधिकारियों को तैनात कर दिया गया है।मिशन रिस्पना प्रदेश सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है। रिस्पना नदी का उद्गम स्रोत शिखर फॉल है। यहां से लेकर देहरादून के मोथरोवाला तक 39 अलग-अलग सेक्टर तैयार किए गए हैं। वन विभाग और ईको टास्क फोर्स को नोडल विभाग बनाया गया है।

मुख्यमंत्री ने भी किया श्रमदान।

मिशन रिस्पना में इन गढ्ढों को खोदने के लिए करीब 5,000 से ज्यादा लोग श्रमदान कर रहे हैं। हर सेक्टर में डॉक्टर्स की टीम मौजूद है। पीने के पानी, पार्किंग और अन्य वॉलेंटियर्स के लिए तमाम व्यवस्थाओं का प्रबंध किया गया है।

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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