अन्तर्राष्ट्रीय
क्या अमर है कोरोना वायरस? वैक्सीन ढूंढ रही चीफ साइंटिस्ट की बात सुनकर चौंक जाएंगे आप!
नई दिल्ली। कोरोना वायरस चीन के वुहान शहर से निकला था। उस समय इस खतरनाक वायरस ने 3300 लोगों की जान ली थी। यह वायरस अब चीन से निकलकर पूरी दुनिया में फैल चुका है।
इस जानलेवा वायरस से अब तक 1 लाख लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, संक्रमित लोगों की संख्या हर दिन हजारों की संख्या मं इजाफा हो रहा है।
हर देश कोरोना को मारने के लिए इसकी दवा की खोज में लगे हैं लेकिन किसी के भी हाथ सफलता नहीं लगी है। इस बीच कोरोना की वैक्सीन तलाश रही टीम की प्रमुख साइंटिस्ट जेन हॉल्टन ने हैरान कर देने वाला बयान दिया है।
जेन ने कहा कि एचआईवी से हर साल औसतन 8 लाख लोग मर रहे हैं, पिछले 40 साल से। अब तक एचआईवी की कोई वैक्सीन नहीं मिल पाई है शायद कोरोना की वैक्सीन भी कभी ना मिल पाए।
उन्होंने कहा- ‘विज्ञान में कुछ भी निश्चित नहीं है।’ बता दें कि जेन हाल्टन कोरोना वैक्सीन की खोज के लिए काम कर रही अंतरराष्ट्रीय टीम (Coalition for Epidemic Preparedness Innovations) का नेतृत्व कर रही हैं।
जेन की पहचान ऑस्ट्रेलिया की सबसे अनुभवी महामारी एक्सपर्ट के तौर पर होती है। वह विश्व स्वास्थ्य संगठन के एग्जेक्यूटिव बोर्ड में भी रह चुकी हैं और वर्ल्ड हेल्थ असेंबली की प्रेसिडेंट के पद पर भी काम कर चुकी हैं।
जेन हाल्टन ने यह चेतावनी इसलिए दी है ताकि कोरोना के खिलाफ तमाम देश सिर्फ वैक्सीन की उम्मीद में ना बैठे रहें। बल्कि कोरोना को हराने के लिए प्लान B पर भी काम किया जाए।
The Australian अखबार से बातचीत में साइंटिस्ट जेन हाल्टन कहती हैं कि स्वास्थ्य अधिकारियों को प्लान B पर तेजी से काम करने की जरूरत है। क्योंकि हो सकता है हम कोरोना की वैक्सीन ना तलाश पाएं।
लेकिन जेन हाल्टन कहती हैं कि इतने कम समय में कोरोना की वैक्सीन तैयार करना अविश्वसनीय है। उन्होंने कहा है कि अवास्तविक उम्मीदें दी जा रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि COVID-19 के अलावा अन्य कोरोना वायरस की वैक्सीन भी अब तक नहीं बनी है।
अन्तर्राष्ट्रीय
पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।
इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।
जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।
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