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अन्तर्राष्ट्रीय

चीन कर सकता है भारत पर जैविक हमला, सेना किसी भी परिस्थिति के लिए पूरी तरह तैयार

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नई दिल्ली। गलवान घाटी में भारत से मात खाने के बाद चीन भारत पर जैविक हमला कर सकता है। वह ऐसा सीधे न करके भारत विरोधी देशों या फिर किसी आतंकी संगठन की मदद से कर सकता है, लेकिन चीन की किसी भी हिमाकत का जवाब देने के लिए भारत पूरी तरह तैयार है।

ग्वालियर स्थित डीआरडीई के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि सेना इस तरह के खतरों से निपटने के लिए तैयार है। डीआरडीओ की अलग-अलग प्रयोगशालाओं ने खास उपकरण जैसे न्यूक्लीयर कैमिकल बायोलॉजिकल वारफेयर सूट, विशेष मुखौटे आदि तैयार किए हैं। जिनका उपयोग सैनिक कर रहे हैं। समय-समय पर उन्हें विशेष ट्रेनिंग भी दी जाती है। डीआरडीओ की ग्वालियर स्थित प्रयोगशाला (डीआरडीई) के जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि जैविक हमले से भी निपटने के लिए सेना के पास पर्याप्त संसाधन हैं।

भारत वर्तमान में पड़ोसी मुल्कों की भूमिका से अशांत है। कूटनीतिक और सैन्य घेराबंदी से चीन बौखलाया हुआ है। सीमा पर पाकिस्तान भी रह रह कर गोलाबारी कर रहा है। नेपाल का रवैया भी ठीक नहीं है। एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर चीन जैविक हमले जैसी कायराना हरकत कर सकता है। पिछले दिनों सेना ने आतंकियों के लिए हथियार लेकर आए एक ड्रोन को मार गिराया था। ड्रोन के जरिए भी जैविक हमला संभव है। इस तरह के हमले में शोर शराबा नहीं होता, हमले का पता भी कुछ समय बाद पता चलता है और नुकसान भी अधिक होता है।

अन्तर्राष्ट्रीय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी से की मुलाकात

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ब्राजील। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (स्थानीय समय) को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर अपने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने सांस्कृतिक और पब्लिक टू पब्लिक रिलेशन को मजबूत करने सहित व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।

पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि, रियो डी जनेरियो जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी से मुलाकात करके खुशी हुई। हमारी बातचीत रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी में संबंधों को गहरा करने पर केंद्रित थी। हमने इस बारे में भी बात की कि संस्कृति, शिक्षा और ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग कैसे बढ़ाया जाए। भारत-इटली मित्रता एक बेहतर ग्रह के निर्माण में बहुत योगदान दे सकती है।

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