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अन्तर्राष्ट्रीय

उत्तरी कोरिया नहीं, चीन में बैठा है दुनिया का सबसे बड़ा सनकी, इस फैसले से तो यही साबित होता है

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नई दिल्ली। पूरी दुनिया में जब लोग तानाशाही की बात करते हैं तो सबकी नज़रें नॉर्थ कोरिया और किम जोंग पर जाकर रुक जाती हैं। लेकिन नॉर्थ कोरिया का पड़ोसी देश चीन और उसके राष्ट्रपति शी जिनपिंग अब तानाशाही और सनक के मामले में किम को पीछे छोड़ने की तैयारियों में हैं। हम ऐसा इसलिए कह पा रहें हैं क्योंकि जिनपिंग के इशारे पर अब चीन के बच्चों का ब्रेनवॉश कर, उनके दिमाग में जिनपिंग के विचारों को डाला जाएगा।

चीनी विश्वविद्याल के पाठ्यक्रमों में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के विचारों को शामिल किए जा रहें है। देश में माओ युग के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है कि किसी नेता को अकादमिक रूप से इतना महत्व मिल रहा है। यह चीनी विश्वविद्यालय इंटरैक्टिव ऑनलाइन कोर्स, उदार फंडिंग और शोध संस्थानों से लेस है। अपने पुराने पाठ्यक्रमों में जिनपिंग के विचारों को शामिल कर यह उन्हें देश और विश्व में बढ़ावा देने की दिशा में कार्य कर रहा है। बीते साल अक्तूबर से इन्होंने “शी थॉट” और “शी के विचार” को अपने पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया है। जिनपिंग के दो साल के कार्यकाल की अनिवार्यता को खत्म किए जाने के बाद अब वह आजीवन सत्ता में बने रह सकते हैं।

पिछले साल अक्तूबर से लेकर अब तक विश्वविद्यालयों, सरकार और मंत्रालयों में तकरीबन 30 शी थॉट रिसर्च इंस्टाट्यूट की स्थापना हो चुकी है। इसका मुख्य उद्देश्य देश के हर निवासी के दिमाग में जिनपिंग की विचारधारा को स्थापित करना है।

अन्तर्राष्ट्रीय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी से की मुलाकात

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ब्राजील। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (स्थानीय समय) को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर अपने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने सांस्कृतिक और पब्लिक टू पब्लिक रिलेशन को मजबूत करने सहित व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।

पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि, रियो डी जनेरियो जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी से मुलाकात करके खुशी हुई। हमारी बातचीत रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी में संबंधों को गहरा करने पर केंद्रित थी। हमने इस बारे में भी बात की कि संस्कृति, शिक्षा और ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग कैसे बढ़ाया जाए। भारत-इटली मित्रता एक बेहतर ग्रह के निर्माण में बहुत योगदान दे सकती है।

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