पंजाब
अमृतसर में मनीष सिसोदिया से मिले सीएम भगवंत मान
अमृतसर। दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया आज पंजाब के दौरे पर हैं। दिल्ली शराब नीति घोटाले में जमानत मिलने के बाद यह पहला मौका है जब वह पंजाब आए हैं। इस दौरान उन्होंने सीएम मान से मुलाक़ात की।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि संविधान की जीत हुई है। वह बाहर आ गए हैं और जल्द ही अरविंद केजरीवाल भी जेल से बाहर आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि जेल में बैठकर पंजाब के लोगों का उत्साह देखकर उन्हें बहुत खुशी हुई। उन्होंने जेल में बैठकर प्रार्थना की थी कि जब वह बाहर आएंगे तो स्वर्ण मंदिर में माथा टेकेंगे।
मनीष सिसोदिया को शराब नीति घोटाले में 17 महीने जेल में बिताने के बाद दो हफ्ते पहले ही जमानत मिली थी। इसके बाद पंजाब के अधिकतर नेता उनसे मिलने दिल्ली पहुंचे। मुख्यमंत्री भगवंत मान खुद उनका हालचाल जानने दिल्ली पहुंचे और उन्हें पंजाब आने का न्योता दिया। आज वे दिल्ली से सीधे अमृतसर पहुंचे हैं।
पंजाब
किसानों ने शुरू किया रेल रोको आंदोलन, 30 दिसंबर तक पंजाब बंद का आह्वान
चंडीगढ़। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बुधवार को कहा कि किसानों ने 30 दिसंबर को ‘पंजाब बंद’ का आह्वान किया है। इसके साथ ही पंधेर ने प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें नहीं मानने के लिए केंद्र की आलोचना की। पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ का आह्वान करने का फैसला संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किया है। किसान नेता ने कहा, ‘‘इस महीने की 30 तारीख को पूर्ण ‘बंद’ रहेगा।’’
अमृतसर में मीडिया को संबोधित करते हुए पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ के दौरान आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। उन्होंने व्यापारियों, कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों समेत अन्य लोगों से ‘बंद’ को सफल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा, जिस तरह रेल रोको विरोध सफल रहा। उसी तरह पंजाब बंद को भी सफल बनाया जाना चाहिए।
अपनी मांगों पर अड़े किसान
पजाब में बुधवार को रेल सेवाएं प्रभावित हुईं, क्योंकि किसानों ने फसलों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अपनी विभिन्न मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए तीन घंटे के ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन के तहत 50 से अधिक स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया। फिरोजपुर रेलवे मंडल के अधिकारियों के अनुसार, 52 स्थानों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण 12 रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं। उन्होंने बताया कि 34 रेलगाड़ियां देरी से चल रही हैं।
किसानों की क्या हैं मांगें?
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, फसलों का मूल्य तय करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, कृषि को विश्व व्यापार संगठन से बाहर करने और कुछ अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और खेतिहर मज़दूरों के लिए पेंशन की भी मांग है। साथ ही बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने की भी मांग की जा रही है।
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