मुख्य समाचार
महाराष्ट्र निकाय चुनाव में औंधे मुंह गिरी भाजपा, कांग्रेस का शानदार प्रदर्शन
मुंबई। महाराष्ट्र निकाय चुनाव सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के लिए आंसुओं की सौगात लेकर आया है। इस चुनाव ने भाजपा को चौथे स्थान पर धकेल दिया है जबकि कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 345 में से 105 वार्डों पर विजय प्राप्त की है। राकांपा और शिवसेना क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर रहीं और भाजपा को चौथे स्थान पर रहकर मात्र 39 सीटों से संतोष करना पड़ा। गत रविवार को हुए इन चुनावों के परिणाम कल देर रात घोषित किए गए। गणना के अंतिम आंकड़ों के अनुसार, कांग्रेस 105 वार्डों पर जीत दर्ज कर पहले, राकांपा 80 वार्डों पर जीत के साथ दूसरे और शिवसेना 59 वार्डों में जीत के साथ तीसरे स्थान पर रही।
रायगढ़, नंदूरबार, अहमदनगर, नांदेड़, उस्मानाबाद, हिंगोली, वाशिम और चंद्रपुर नगर परिषदों और नगर पंचायतों में चुनाव आयोजित किए गए थे। रत्नागिरि, जलगांव, लातूर, यवतमाल, वर्धा और भंडारा में उपचुनाव हुए थे। भाजपा को सबसे बड़ा झटका अहमदनगर जिले के जामखेड़ और चंद्रपुर में लगा। जामखेड़ गृह राज्य मंत्री राम शिंदे का गृहनगर है जबकि चंद्रपुर का प्रतिनिधित्व महाराष्ट्र के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार करते हैं। कांग्रेस-राकांपा नेताओं ने इस परिणाम को सत्तारूढ़ पार्टी के प्रति लोगों के मोहभंग का प्रतीक बताया है।
विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा, परिणाम दिखाते हैं कि कांग्रेस के प्रति लोगों का विश्वास लौट आया है और उनका भाजपा के शासन से मोहभंग हो गया है। ये परिणाम कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी की मुंबई यात्रा से पहले आए हैं। राहुल गांधी 15 और 16 जनवरी को मुंबई के दौरे पर आएंगे। विधान परिषद में विपक्ष के नेता राकांपा के धनंजय मुंडे ने कहा, ये परिणाम महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना नीत सरकार की असफलता को दर्शाते हैं। 59 नगर पंचायत और नगर परिषदों में नवंबर 2015 में हुए चुनाव में भाजपा 254 वार्डों में जीत के साथ पहले स्थान पर रही थी। उस समय कांग्रेस को 239 वार्डों, राकांपा को 201 वार्डों और शिवसेना को 126 वार्डों में जीत मिली थी।
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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग
नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।
विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।
चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।
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