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अब प्राइवेट लैब में कराए कोरोना वायरस की जांच, इतनी है फीस

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस पिछले कुछ दिनों में भारत में काफी तेजी से फैला है। इस वायरस से अबतक भारत में 345 लोग संक्रमित हो चुके हैं जबकि 6 लोगों की जान जा चुकी है। इस बीच संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार ने शनिवार को सिफारिश की है कि निजी प्रयोगशालाओं की ओर से प्रत्येक COVID-19 परीक्षण के लिए अधिकतम शुल्क 4,500 रुपये से अधिक नहीं लिया जाना चाहिए।

निजी प्रयोगशालाओं में COVID-19 परीक्षण के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, NABL मान्यता प्राप्त सभी निजी प्रयोगशालाओं को COVID-19 परीक्षण करने की अनुमति होगी, जिसे शनिवार रात केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से अधिसूचित किया गया था।

नेशनल टास्क फोर्स की सिफारिश के मुताबिक, टेस्ट का अधिकतम शुल्क 4,500 रुपये से ज्यादा नहीं हो सकता। संदिग्ध मरीजों की स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए 1500 रुपये और कनफर्मेशन टेस्ट के लिए अतिरिक्त 3 हजार रुपये निर्धारित किए गए हैं। निर्देशों में यह भी बताया गया है कि जांच की फीस सब्सिडी रेट पर ली जा सकती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी इस निर्देश में यह भी कहा गया है कि इस नियम का उल्लंघन करते पकड़े जाने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

दिशा-निर्देशों में सैंपल जुटाने के दौरान बेहद एहतियात बरते जाने की सलाह दी गई है।  आईसीएमआर ने कहा है कि मरीजों के सैंपल लेते वक्त बायोसेफ्टी और बायोसिक्योरिटी का पूरा ख्याल किया जाना चाहिए। इसके लिए COVID-19 के मरीजों के लिए अलग से सैंपल कलेक्शन सेंटर बनाए जाने की बात कही गई है। निजी प्रयोगशालाएं घरों से सैंपल ले सकती हैं, ताकि कोई मरीज अन्य लोगों के संपर्क में न आए।

दिशानिर्देशों में कहा गया है कि COVID-19 का टेस्ट किट यूएस एफडीए से अनुमोदित या यूरोपीय CE प्रमाणित होना चाहिए और इसकी पूरी सूचना भारत में ड्रग कंट्रोलर जनरल को होनी चाहिए। इसके साथ ही प्रयोगशाला के कर्मचारियों को इसके लिए उचित रूप से प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। सभी बायोमेडिकल कचरे को राष्ट्रीय दिशानिर्देशों के अनुसार निपटाया जाना चाहिए।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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