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अन्तर्राष्ट्रीय

कोरोना वायरस भेष बदलकर फिर पहुंचा चीन, इस बदलाव के साथ बना पहले से भी खतरनाक

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस दुनिया के सभी देशों को अपनी गिरफ्त में ले चुका है। इस वायरस से अब मरने वालों की संख्या 76 हजार के पार हो गई है। दुनिया के किसी देश के वैज्ञानिकों को इसकी दवा खोजने में अबतक कामयाबी हासिल नहीं हुई है।

इस बीच यह वायरस जहां से निकला है वहीं दोबारा भेष बदलकर पहुंच चुका है। इस बार यह कोरोना वायरस और भी ज्यादा खतरनाक होकर चीन में लौटा है। यह इतना खतरनाक है कि लोगों को आसानी से चकमा दे सकता है।

ये नया कोरोना भी चीन के उसी हुबेई प्रांत से आया है जहां से पुराना कोरोना निकला था। जानकारों की मानें तो ये नया कोरोना पुराने कोरोना से भी कहीं ज्यादा खतरनाक है क्योंकि इस नए कोरोना का कोई लक्षण ही नहीं है। यानी इसके शिकार शख्स को पता ही नहीं चलेगा कि वो संक्रमित है या नहीं?

अभी तक सर्दी, खांसी, गला खराब, बुखार सांस लेने में तकलीफ को ही कोरोना के लक्षण बताए गए हैं और अभी इस कोरोना से पूरी दुनिया जूझ ही रही है कि दुनिया को डराने के लिए नई शक्ल में कोरोना उसी चीन में दोबारा लौट आया है जहां से पहला कोरोना फैला था, मगर इस बार ज्यादा खतरनाक तरीके से।

इस नए कोरोना के संक्रमण का कोई लक्षण ही नहीं है इसीलिए इसे एसिम्टोमैटिक केस कहा जा रहा है। एसिम्टोमैटिक कोरोना का मरीज कोविड-19 के आम मरीज से ज़्यादा खतरनाक होता है क्योंकि कम से कम उनमें कोरोना के लक्षण नजर आते हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी से की मुलाकात

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ब्राजील। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (स्थानीय समय) को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर अपने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने सांस्कृतिक और पब्लिक टू पब्लिक रिलेशन को मजबूत करने सहित व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।

पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि, रियो डी जनेरियो जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी से मुलाकात करके खुशी हुई। हमारी बातचीत रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी में संबंधों को गहरा करने पर केंद्रित थी। हमने इस बारे में भी बात की कि संस्कृति, शिक्षा और ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग कैसे बढ़ाया जाए। भारत-इटली मित्रता एक बेहतर ग्रह के निर्माण में बहुत योगदान दे सकती है।

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