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प्रादेशिक

‘तारीख पर तारीख’ के खिलाफ आंदोलन की तैयारी

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लखनऊ। अदालतों की ‘तारीख पर तारीख’ वाली कार्यप्रणाली के खिलाफ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ‘न्याय संघर्ष यात्रा’ नाम से पैदल शांति मार्च निकाले  जाने के बाद सामाजिक संगठन अब देशभर में अपने आंदोलन को धार देने की तैयारी में जुटे हैं। आरटीआई कार्यकर्ता उर्वशी शर्मा ने बताया कि न्याय मिलने में देरी भी मानवाधिकारों का हनन है और इसीलिए लखनऊ से शुरू की गई इस पहल को अब देशव्यापी मुहिम का रूप दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सभी को एक समान, सस्ता, सही और त्वरित न्याय पाने का अधिकार है। लखनऊ से उठी न्यायिक सुधार की इस चिंगारी को देशभर में फैलाकर ज्वाला बनाया जाएगा। जल्द ही देश के सभी राज्यों की राजधानियों में और उसके बाद देशभर के सभी जिला मुख्यालयों में न्याय संघर्ष यात्राएं निकालकर न्यायिक पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग की जाएगी।

उर्वशी ने बताया कि न्यायिक भ्रष्टाचार के खिलाफ हुए इस विरोध प्रदर्शन के बाद उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के माध्यम से देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश और सभी प्रदेशों के राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के न्यायधीशों को समाजसेवियों द्वारा हस्ताक्षरित 5 सूत्री ज्ञापन भेजकर जजों के रिक्त पदों को समयबद्ध रूप से भरने, जजों की नियुक्ति करने, जजों के कार्यो का ऑडिट कराने, भ्रष्टाचारी और अन्य मामलों के दोषी जजों की शिकायतों की जांच कराने की मांग की गई है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय विशेष न्यायिक आयोग की स्थापना करने, वर्तमान कानून में संशोधन करके अदालती कार्यवाहियों की ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिग को अनिवार्य बनाने, सभी ट्रायल कोर्ट और अपीलीय कोर्ट में मामलों के निस्तारण की अधिकतम समयसीमा तय करने और जजों के विरुद्ध शिकायतों के निस्तारण की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की मांग भी की गई है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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