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प्रादेशिक

निर्माणाधीन फ्लाईओवरों ने रोकी शहर की रफ्तार

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निर्माणाधीन फ्लाईओवरों ने रोकी शहर की रफ्तार, जाम बन गया रोजमर्रा की दिनचर्या, ईपीआईएल ने तय समय सीमा पर नहीं किया काम

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Traffic Jam

जाम बन गया रोजमर्रा की दिनचर्या

देहरादून। दून को जाम के झाम से निजात दिलाने की योजनाओं ने ही यहां की रफ्तार को रोक लिया है। आईएसबीटी, बल्लीवाला, बल्लूपुर फ्लाईओवर निर्माण का कार्य अधर में है। इस कारण रोजाना यहां सुबह-शाम भारी जाम लगता है। इस कारण वाहन चालक व यात्री घंटों जाम में फंसे रहते हैं। ये तीनों प्रोजेक्ट समय पर पूर नहीं हो सके हैं जबकि जोगीवाला का प्रोजेक्ट भूमि अधिग्रहण के मामले में अधर में लटक गया है।

ईपीआईएल ने तय समय सीमा पर नहीं किया काम

दून को स्वच्छ व सुंदर बनाने की कवायद को केंद्रीय व प्रदेश के सरकारी विभाग ही पलीता लगाने में जुटे हुए हैं। केंद्र सरकार ने देहरादून को जाम से मुक्त शहर बनाने की कवायद के तीन फ्लाईओवरों के निर्माण को वर्ष 2013 में स्वीकृति दी थी। इसके तहत भंडारीबाग में एक आरयूबी भी बनाया जाना था। आईएसबीटी, बल्लीवाला और बल्लूपुर फ्लाईओवरों के लिए कार्यदायी संस्था इंजीनियर्स प्राइवेट इंडिया लिमिटिड (ईपीआईएल) को यह प्रोजेक्ट सौंपे गये। लेकिन उक्त संस्था 57 करोड़ रुपये लेने के बावजूद कछुआ गति से काम कर रही है। ईपीआईएल को आईएसबीटी प्रोजेक्ट दिसम्बर 2014 को पूरा करना था लेकिन यह समयसीमा बाद में जून 2015 तक बढ़ गई। इसके बाद लगभग एक साल और अधिक हो गया है लेकिन यह प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो सका है। यही आलम बल्लीवाला व बल्लूपुर का है। प्रोजेक्ट के तहत कार्यदायी संस्था ने कई स्थानों पर खुदाई कर दी है। इस कारण यातायात में बाधा आ रही है। सबसे बुरा हाल आईएसबीटी व बल्लूपुर चैक का है। आईएसबीटी में सुबह और शाम जाम ही जाम की स्थिति रहती है। 100 मीटर के राह पूरा करने में 20 से 25 मिनट लग जाते हैं।

शिमला बाईपास से लेकर एमडीडीए तक जाम की स्थिति रहती है। सबसे अधिक परेशानी क्लेमनटाउन जाने वाले यात्रियों को होती है। यहां यात्रियों के उतरने और चढ़ने के लिए भी उचित व्यवस्था नहीं है। ऐसे में कई यात्री आए दिन बस से उतरते समय हादसे का शिकार हो जाते हैं। यहां कभी कोई बड़ा हादसा भी हो सकता है। इसी तरह से बल्लूपुर चैक पर दिन भर जाम की स्थिति रहती है। यहां शिमला और मसूरी से आने वाले वाहन आते हैं। इसके अलावा गढ़ी, आईएमए व प्रेमनगर से आने वाहनों को भी गुजरना पड़ता है। इस प्रोजेक्ट को भी अक्टूबर 2015 तक पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन यह भी समयसीमा में पूरा नहीं हो सका। यही नहीं अब भी ये पुल निर्माण में एक साल और लगने की संभावना है। इसके अलावा इन पुलों के मानकों पर खरा नहीं उतरने की बात भी कही जा रही है। कार्यदायी संस्था ने केंद्रीय मंत्रालय से अनुमति के बिना ही कार्य शुरू कर दिया था लेकिन अब तक इसे पूरा नहीं किया जा सका है। इस कारण जहां सरकार को करोड़ों की चपत लग रही है वहीं आम जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों ने इस संबंध में कई बार धरने-प्रदर्शन भी किये हैं लेकिन उसका अधिकारियों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। यहां तक कि सीएम हरीश रावत ने स्वयं कई बार आईएसबीटी फ्लाईओवर का कार्य देखा और अधिकारियों को समय पर कार्य करने की तस्दीक की लेकिन नतीजा सिफर रहा है।

 

उत्तर प्रदेश

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

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